Friday, October 16, 2020

महिलाओं पर विशेष वेबिनार 17 अक्टूबर को बाद दोपहर 2 बजे

 महिलाओं के खिलाफ हिंसा से सबंधित सभी पक्षों पर ख़ास चर्चा 


लुधियाना
: 16 अक्टूबर 2020: (मीडिया स्क्रीन ऑनलाइन ब्यूरो)::

देश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर अक्सर बहुत से दावे किये जाते रहते हैं। बहुत से कानून और नियम बने भी हैं लेकिन वास्तविकताएं ज़्यादा नहीं बदली। हकीकत में किसी लड़की  या महियल के साथ रेप का विरोध करते समय भी राजनीतिक दल अपनी अपनी सियासत और फायदे देखते हैं और जहाँ कोई सियासी फायदा न होता हो या फिर वोट बैंक प्रभावित न होता हो वहां के यौन उत्पीड़न का मामला उठाया ही नहीं जाता। यौन उत्पीड़न का विरोध करते समय भी अपने अपने फायदों का हिसाब लगा लिया जाता है। हाल ही में हाथरस (यूपी) में हुई समहूकी बलात्कार की जघन्य घटना का स्वाभाविक भी था और हुआ भी लेकिन लुधियाना के सलेम टाबरी इलाके में एक आठ वर्षीय बच्ची के साथ हुआ यही अपराध किसी भी सियासी या समाजिक दल या संगठन को अपराध ही नहीं लगा। इसका औपचारिक विरोध करने का  उठाया गया। इस तरह महिलाओं के साथ बर्बरता, बेइंसाफी, ज़ुल्मो-सितम और जुर्म लगातार जारी है। "महिलाओं के खिलाफ हिंसा-समाज और सरकारों की भूमिका" विषय पर एक विशेष वेबिनार सोशल थिंकर्ज फोरम की तरफ से दिन शनिवार 17 अक्टूबर 2020 को बाद दोपहर दो बजे आयोजित किया जा रहा है जो शाम चार बजे तक चलेगा। 

इस  वेबिनार में विषय का परिचय कराने की ज़िम्मेदारी दी गई  जानीमानी लोकप्रिय लेखिका डा. गुरचरण कौर कोचर को।

इस हिंसा की वजह से मानसिकता पर पढ़ने वाले प्रभावों पर करेंगी डा. परम सैनी, 

महिलाओं के विरुद्ध हिंसा से सबंधित सभी क़ानूनी पक्षों की खोजपूर्ण जानकारी देंगें भूतपूर्व अटार्नी जनरल और हमारे युग के जाने माने लेखक मित्र सेन मीत एडवोकेट, 

महिलाओं के खिलाफ हिंसा की इस समस्या के कारण क्या क्या हैं और आखिर इसका हल क्या हो? इस विषय पर बहुत ही गहराई से चर्चा करेंगी विशाल मज़दूर संगठन "एटक" (आल इण्डिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस) की   राष्ट्रिय महासचिव कामरेड अमरजीत कौर। 

सभी से निवेदन है कि इस वेबिनार में समय पर शामिल होने का कष्ट करें। 

Topic: Violence against women - role of society and state

Time: Oct 17, 2020 02:00 PM India

 Join Zoom Meeting

https://us02web.zoom.us/j/88375431893?pwd=aUloL3lhZERLMUF0bUNaMU9OYjUwUT09  

 Meeting ID: 883 7543 1893

Passcode: 369516

डा. अरुण मित्रा-संयोजक,  मोबाईल सम्पर्क: 9417000360

एम एस भाटिया-सह संयोजक मोबाईल सम्पर्क: 9988491002

Tuesday, October 13, 2020

मीडिया के सूचनार्थ/आमंत्रण पत्र

 भारतीय लोकमंच पार्टी की तरफ से पत्रकार सम्मेलन 

दिनांक : मंगलवार, 13 अक्टूबर/2020

भारतीय लोकमंच पार्टी के तरफ से  कल दिनांक : 14/अक्टूबर/2020 दिन बुधवार समय 12:30 बजे दिन में बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन (दक्षिणी मंदिरी पटना आर्ट कॉलेज के पीछे) के सभागार में प्रेस को लोकमंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष साधु शरण पांडेय जी संबोधित करेंगे।

अतः श्रीमान से निवेदन है संवाददाता और छायाकार को भजेने की कृपा करें

सम्पर्क व्यक्ति:

                                कुणाल सिकंद

                              राष्ट्रीय प्रधान महासचिव

                             भारतीय लोकमंच पार्टी 

                               मो: 9430620783

Thursday, October 1, 2020

हाथरस कांड पर सामना ने भी बखिये उधेड़ दिए

 सत्ता के साथ साथ मीडिया पर भी किये कई सवाल 

 किस्सागोई… हाथरस में किसका हाथ?  

 अक्टूबर 1, 2020  संदीप सोनवलकर , मुंबई 

जिस अंदाज में यूपी पुलिस ने मंगलवार देर रात हाथरस की बलात्कार पीड़िता का बिना परिवारवालों को साथ लिए ही अंतिम संस्कार कर दिया, उससे इतना तो साफ हो गया है कि हाथरस के इस घृणित कार्य में केवल अपराधी ही नहीं अब सरकार और पुलिस भी शामिल हो गई है। पुलिस तो अब ये तक कहने लगी है कि उस लड़की के साथ रेप हुआ या नहीं? ये अभी जांच का विषय है। उत्तरप्रदेश पर सच में गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं और उतने ही सवाल ये भी कि अगर ये किसी गैर भाजपा शासित राज्य में हुआ होता तो क्या मीडिया उतना ही चुप रहता?

सवाल तो ये भी उठ रहा है कि अगर सरकार कानून व्यवस्था नहीं संभाल पा रही तो राज्यपाल आनंदी बेन पटेल क्यों चुप हैं? वो तो खुद एक महिला हैं, कम से कम रिपोर्ट तो मांग लेतीं। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी से सीखिए वो तो अभिनेत्रियों तक से मिल लेते हैं। मनपा अफसरों को हड़का देते हैं। असल में मीडिया से लेकर सरकार तक सब इसलिए चुप हैं क्योंकि ये भाजपा शासित योगी सरकार है। अलीगढ़ के आईजी पीयूष मोर्डिया ने तो कह दिया कि अभी बलात्कार की पुष्टि तक नहीं हुई है लेकिन उनके पास इस बात का जवाब तक नहीं है कि पुलिस ने किस हैसियत से सफदरजंग अस्पताल से उस लड़की का शव लिया और बिना परिवारवालों के ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया।

पुलिस का कहना है कि हाथरस गैंगरेप पीड़िता ने उपचार के दौरान विवेचक के सामने कई बार अपने बयान बदले थे। इसका विवेचक की रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है। पीड़िता के अलग-अलग तिथियों में लिए गए बयान में अलग-अलग बातें सामने आई हैं। इतना ही नहीं, मेडिकल रिपोर्ट में रेप की पुष्टि नहीं हो पाई है। उपचार के दौरान युवती के तीन बार बयान लिए गए। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, पहली बार में युवती ने रेप से जुड़ा कोई बयान नहीं दिया था। उसके बाद १९ सितंबर को बयान हुए, जिसमें कहा कि मेरे साथ छेड़छाड़ हुई है। बयान के आधार पर पुलिस ने धारा बदलकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी थी। उसके बाद २२ सितंबर को बयान दर्ज हुए, जिसमें पीड़िता ने कहा था कि उसके साथ रेप हुआ है। नए बयान के आधार पर पुलिस ने आगे की कार्रवाई शुरू कर आरोपियों को गिरफ्तार किया था। मेडिकल रिपोर्ट पर गौर करें तो उसमें युवती के साथ रेप की पुष्टि नहीं हुई है। घटना के अनुसार १४ सितंबर की सुबह गांव चंदपा की युवती अपनी मां के साथ खेत पर गई थी। वह खेत में घास काट रही थी। इसी बीच संदीप नाम का एक युवक वहां आ धमका और छेड़छाड़ करने लगा। युवती ने विरोध किया तो हमला बोल दिया। युवती के चिल्लाने पर युवती की मां आरोपी की तरफ दौड़ पड़ी। इतने में आरोपी मौका पाकर फरार हो गया था। घायल युवती को आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया।

युवती के भाई ने करीब १०.३० बजे थाने पहुंचकर बताया कि उसकी बहन का गला दबाकर मारने का प्रयास किया गया। मामले में एफआईआर दर्ज हुई। युवती की गंभीर हालत को देखते हुए उसको एएमयू के जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। यहां चिकित्सकों ने देखा कि युवती की कमर की एक हड्डी टूटी है। इतना ही नहीं, दोनों पैर भी सही से काम नहीं कर रहे थे। हिंदी सामना से साभार