Sunday, August 25, 2013

राष्ट्रीय मीडिया केंद्र: शुभारंभ पर यूपीए अध्यक्ष का भाषण

25-अगस्त-2013 17:35 IST
मीडिया और सरकार:दोनों के बीच आंतरिक विरोध की जरूरत नहीं
नई दिल्ली में 24 अगस्त 2013  का दिन एक ऐतिहासिक दिन था। ज्यों ही प्रधानमन्त्री डाक्टर मनमोहन सिंह ने नैशनल मीडिया सेंटर के उद्घाटन का पर्दा उठाया तो वहां मौजूद राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की चेयरपर्सन सुश्री सोनिया गाँधी और सूचना व् प्रसारण मंत्री मुनीश तिवारी ने तालियाँ बजा कर अपना हर्ष व्यक्त किया। इस सुअवसर पर सूचना व प्रसारण मंत्रालय के सचिव बिमल शुल्क और पीआईबी की  प्रिंसिपल दयेरेक्त्र जनरल सुश्री नीलम कपूर भी नजर आ रही हैं।              फोटो: (PIB)
इस शुभ अवसर पर राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की चेयरपर्सन सुश्री सोनिया गाँधी ने भी सम्बोधन किया।  इस मौके पर प्रधान मंत्री डाक्टर मनमोहन सिंह, सूचना व प्रसारण मंत्रालय म्न्त्र्रे मुनीश तिवारी, मंत्रालय सचिव बिमल जुल्का भी मौजूद थे। (PIB)
यह कोई तुच्छ उपलब्धि नहीं है कि अनेक मुद्दों पर कितनी संतोषजनक और तेज सार्वजनिक बहस होती है। जाहिर है, सार्वजनिक बहस में परस्पर-विरोधी और विपरीत विचारों के लिए जगह होती है और भारतीय मीडिया निश्चित रूप से इस गुंजाइश को उपलब्ध न कराकर दोषी नहीं बन सकता। शायद कभी मीडिया चर्चा की भाषा और प्रतिष्ठा इच्छित जगह पहुंच जाए। मुझे यह भी मानना होगा कि मीडिया कभी-कभी राजनीतिक स्थापना को बेचैन कर देता है। शायद इसलिए हम किसी समय अपने विचारों को ज्यादा असरदार ढंग से आगे रखने में असमर्थ हो जाते हैं। 

आज हमें याद करना चाहिए कि संचार और सूचना की जरूरत सरकार की जिम्मेदारी जितनी बड़ी ही है। यह सही है कि मीडिया और सरकार प्रायः असहमत होते हैं। अखबारों के संपादकीय और मुख्य समाचारों पर दृष्टिकोण इस बात का प्रचुर प्रमाण उपलब्ध कराते हैं। लेकिन यह स्वस्थ हो सकता है तथा दोनों के बीच आंतरिक विरोध की जरूरत नहीं है। हम मीडिया की निगरानी वाली भूमिका और हमारी नीतियों एवं कार्यक्रमों की व्यवस्थित एवं सदाशयपूर्ण आलोचनाओं का का स्वागत करते हैं। हम मानते हैं कि कुछ ऐसी खामियां होंगी जो सामने लाने की जरूरत हैं। 

साथ ही, कार्यक्रमों, नीतियों, फैसलों और सूचना के प्रचार-प्रसार में सरकार और मीडिया के साझा हित हैं। ऐसे समय राष्ट्रीय प्रेस केंद्र जैसा संस्थान महत्वपूर्ण हो जाता है। मुझे उम्मीद है कि यह उस भागीदारी का प्रतिनिधित्व करेगा जिसमें दोनो पक्ष अपनी निर्धारित जिम्मेदारियां निभाने में समर्थ होंगे। 

मैं यह स्पष्ट करती हूं कि, हम महज सरकार के पाइंट बनाने के लिए प्रचार या प्रचार अभियानों के पक्ष में नहीं हैं। लेकिन लोगों को अपने कानूनी और अन्य हक जानने का अधिकार है। उनहें सूचना हासिल करने का अधिकार है तथा उन्हें सूचना हासिल करने के बाद निर्णय लेने में सक्षम होने का अधिकार है। सिर्फ जागरूक और चेतन नागरिक ही उम्मीद कर सकता है कि सिस्टम अच्छे से काम करे और सरकार एवं राजनीतिक दलों को जिम्मेदार ठहरा सकता है। 

अंत में, यह याद रखिए कि जिस खूबसूरत इमारत का हम शुभारंभ कर रहे हैं वह सिर्फ ईंट और गारे से नहीं बनी हैं। यह आप, मीडिया प्रोफेशनलों, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधिकारियों तथा अन्य पर है जो इसे लोगों की सेवा करने और उन्हें सशक्त बनाने के साधन के रूप में अमल में लाएंगे। मैं इस प्रयास में सफल होने के लिए आपको शुभकामना देती हूं। ” 

वि.कासोटिया/पी.के./एस.पी./एस.के./एस.एस./एस.बी.- 5803