Sunday, May 31, 2020

वेब मीडिया में रोजगार की असीम संभावनाएं:जयदीप कर्णिक

माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय की तरफ से विशेष आयोजन
भोपाल: 31 मई 2020: (कार्तिका सिंह//मीडिया स्क्रीन ऑनलाइन)::
डिजिटल मीडिया या वेब मीडिया को लेकर बहुत सी भ्रांतियां पाई जा रही हैं। बहुत से लोग इसे मुख्या धारा का मीडिया ही नहीं समझते। बहुत से लोग यह कहते भी सुने जाते हैं कि वेब मीडिया को सरकार बंद करवाने वाली है। इस तरह के आधारहीन प्रचार पर विराम लगाते हुए एक विशेष सेमिनार में कहा गया है कि इस क्षेत्र में असीम सम्भवनाएं हैं। इस सेमिनार का आयोजन माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की तरफ से कराया गया। सेमिनार  में  कहा गया कि वेब मीडिया के क्षेत्र में रोजगार की असीम संभावनाएं हैं। इस क्षेत्र में युवा पत्रकार एक उद्यमी के रूप में अपना करियर बना सकते हैं। कोरोना संकट ने वेब मीडिया के महत्व को और अधिक प्रतिपादित कर दिया है। पत्रकारिता में अब ‘वर्क फ्रॉम होम’ की संस्कृति विकसित हो रही है। ये विचार देश के जाने-माने पत्रकार श्री जयदीप कर्णिक ने व्यक्त किया। 
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के आयोजन ‘हिन्दी पत्रकारिता सप्ताह’ के अंतर्गत उन्होंने ‘वेब मीडिया में उद्यमिता’ विषय पर अपना संबोधन दिया। इस मौके पर उन्होंने अनेक प्रश्नों के उत्तर भी दिए। वेब मीडिया में अपना करियर बनाने वाले युवाओं की जिज्ञासा का समाधान किया।
श्री कर्णिक ने कहा कि हमारे देश में परम्परागत मीडिया एवं टेलीविजन मीडिया एक महंगा उद्योग है जो विज्ञापन आधारित है। विज्ञापन कम मिलने पर परम्परागत मीडिया के सामने तमाम तरह की परेशानियां आने लगती हैं। पत्रकारों पर भी संकट रहता है। जबकि डिजिटल मीडिया में कोई भी व्यक्ति वेबसाइट बनाकर लैपटॉप या फिर मोबाइल से ही काम शुरू कर सकता है। इसमें लागत बहुत कम है। सबसे अच्छी बात यह है कि वह स्वयं ही रिपोर्टर, मालिक एवं सम्पादक होता है। कम पूँजी में वेव मीडिया में उद्यमी बन सकते हैं।
उन्होंने कहा कि आप सफल तभी होंगे जब आपकी वेबसाइट पर सामग्री गुणवत्तापूर्ण और विश्वसनीय होगी। वेबमीडिया के स्टार्टअप को चाहिए कि वे पर्यावरण, विज्ञान, आर्थिक, जनजातीय, गाँव जैसे विषयों पर काम करें। हिंदी भाषा में इन विषयों पर काम करने की खूब संभावनाएं हैं।
उन्होंने कहा कि उद्यमी बनने के लिए जोश, ऊर्जा और विषय का ज्ञान आवश्यक है। जब आप पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरेंगे तो सफलता निश्चित ही मिलेगी।


Tuesday, May 5, 2020

70 वर्षीय चाची को कंधे पर उठा कर पैदल चल पड़ा मज़दूर

 Tuesday: 5th May 2020 at 12:07 PM
 विकास और बुलंदी के दावों को झुठलाती मिड डे की स्टोरी हुयी वायरल 
सोशल मीडिया: 5 मई 2020: (फेसबुक पर बोद्धिसत्व)::
Bodhi Sattva ने एक सच्ची कहानी पोस्ट की। इसे जानमाने अख़बार मिड डे, मुम्बई से साभार लिया गया था। तस्वीर भी और विवरण भी। ह पोस्ट सोशल मीडिया पर बेहद लोकप्रिय हुई क्यूंकि इसमें आज का सच था वह भी बिना किसी सियासत और बिना किसी अन्य आडम्बर के। इसी पोस्ट को उनके कुछ अन्य नए पुराने मित्रों ने भी शेयर किया। किसी ने कुछ शब्द घटा दिए और किसी ने कुछ शब्द जोड़ दिए। इस सब के बावजूद इसका सच लोगों के दिलों को झंकझौरता रहा। कोरोना के शोर में दब रहे अन्य समस्यायों के दर्द जिस तरह नज़रंदाज़ किया जा रहा है उस तरह इस दर्द को न छुपाया जा सका न ही दबाया जा सका। सोशल मीडिया पर मिली लोकप्रियता ने इसे नज़रंदाज़ होने से भी बचा लिया। इसे शेयर करने वाले मित्रों ने पूछा:
इस प्यार को क्या नाम और मान दिया जाए? 
यही कह सकता हूं कि हर चाची को ऐसा भतीजा मिले। हर मां को ऐसा बेटा मिले!
ये विश्वनाथ शिंदे हैं। उम्र चालीस साल। मुम्बई में कंस्ट्रक्शन वर्कर हैं। 
वही मज़दूर। घर जा रहा मज़दूर।
उनकी गोद में उनकी चाची वचेलाबाई हैं। चाची 70 साल की हैं और उनका अब विश्वनाथ के अलावा कोई नहीं। विश्वनाथ अपनी चाची को नवी मुंबई से अकोला ले जा रहे हैं।
भतीजा चाची के लिए पिता हो गया है। चाची बेटी हो गई है। यह मनुष्यता की सबसे बड़ी उपलब्धि है। साथ और स्नेह का बंधन!
इस प्यार और मार्मिक अपनापे भरी कठिन यात्रा पर किसी सरकार की नज़र क्यों न पड़ी?
मीडिया का बहुत बड़ा हिस्सा ऐसी हकीकतों को जानबूझ कर नज़र अंदाज़ कर रहा है। मिड डे ने इसे जगह दी इसलिए मिड डे, मुम्बई को सलाम।  
*तस्वीर और जानकारी मिड-डे, मुम्बई से साभार