Friday, March 31, 2023

टेलीविजन प्रसारण क्षेत्र में स्थानीय विनिर्माण को प्रोत्साहन

प्रविष्टि तिथि: 31 मार्च 2023 5:25 PM by PIB Delhi

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण ने प्रोत्साहन के लिए सिफारिशें जारी कीं

नई दिल्ली:31 मार्च 2023: (पीआईबी//मीडिया स्क्रीन ऑनलाइन//)::

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने आज "टेलीविजन प्रसारण क्षेत्र में स्थानीय विनिर्माण को प्रोत्साहन प्रदान करने" के बारे में अपनी सिफारिशें जारी की हैं।

भारतीय प्रसारण क्षेत्र का डिजिटलीकरण 2012 में शुरू हुआ और मार्च 2017 तक यह काम देश भर में पूरा हो गया। इसने मांग को पूरा करने के लिए स्थानीय विनिर्माताओं के विकास के लिए एक अनूठा अवसर प्रदान किया। सरकार ने 'मेक इन इंडिया' और 'डिजिटल इंडिया' जैसी पहलें शुरू की हैं और भारत को एक वैश्विक डिजाइन और विनिर्माण केंद्र में परिवर्तित करने के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान की है।

उपकरण विनिर्माण क्षेत्र में भारत की वास्तविक क्षमता का उचित रूप से आकलन करने और सरकार को सिफारिशों पर पहुंचने के उद्देश्य से प्राधिकरण ने भारतीय प्रसारण उपकरण विनिर्माण क्षेत्र को आयात-निर्भर क्षेत्र से स्वदेशी विनिर्माण के वैश्विक केंद्र में परिवर्तित करने के लिए सक्षम बनाया है। प्राधिकरण ने स्वत: संज्ञान लेकर सभी हितधारकों की टिप्पणी प्राप्त करने के लिए 22-12-2021 को "टेलीविजन प्रसारण क्षेत्र में स्थानीय विनिर्माण को प्रोत्साहन प्रदान करना" के बारे में एक परामर्श पत्र जारी किया था।

टिप्पणियाँ प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 19-01-2022 और उनके बारे में यदि कोई जवाबी-टिप्पणियाँ प्राप्त करने की तिथि 02-02-2022 तक थी, जिसे हितधारक के अनुरोध पर क्रमशः 09-02-2022 और 23-02-2022 तक बढ़ाया गया था। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण को हितधारकों से 16 टिप्पणियाँ और 01 जवाबी-टिप्पणी प्राप्त हुईं, जो भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। इस संबंध में दिनांक 28-04-2022 को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से ओपन हाउस डिस्कशन भी आयोजित किया गया।

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण ने परामर्श प्रक्रिया के दौरान हितधारकों से प्राप्त सभी टिप्पणियों और मुद्दों के आगे के विश्लेषण पर विचार करने के बाद नीचे दी गई अपनी सिफारिशों को अंतिम रूप दिया है:

ए-उभरती प्रौद्योगिकियों और सम्मिलन के युग के सिद्धांतों पर ध्यान केंद्रित करने और प्रसारण उपकरणों के लिए एक इको-सिस्टम बनाने का लक्ष्य रखने की आवश्यकता है। प्रसारण उपकरणों के लिए उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए जा सकते हैं या प्रसारण उपकरणों पर भी ध्यान केंद्रित करने के लिए मौजूदा उत्कृष्टता केंद्रों का उन्नयन किया जा सकता है।

बी-टेलीकॉम निर्यात संवर्धन समिति (टीईपीसी) या कुछ इसी तरह के संगठन को स्थानीय रूप से निर्मित प्रसारण उपकरणों के निर्यात को प्रोत्साहन प्रदान करने और सुविधा प्रदान करने के लिए सक्षम करना चाहिए।

सी-दूरसंचार इंजीनियरिंग केंद्र (टीईसी), दूरसंचार विभाग को सभी प्रसारण उपकरणों के परीक्षण और मानकीकरण के लिए अनिवार्य किया जाना चाहिए।

डी-सी-डॉट जैसे सार्वजनिक क्षेत्र में मौजूदा अनुसंधान एवं विकास केंद्रों को मजबूत करना। सार्वजनिक-निजी भागेदारी (पीपीपी) के माध्यम से उद्योग जगत की भागीदारी के साथ-साथ स्थानीय अनुसंधान एवं विकास ईकोसिस्टम का विकास करना चाहिये। प्रसारण क्षेत्र के लिए स्थानीय उत्पादों/प्रौद्योगिकियों के अनुसंधान एवं विकास और विकास को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए 'प्रौद्योगिकी विकास कोष' बनाया जाना चाहिए। स्थानीय सीएएस के उपयोग को प्रोत्साहित करना, अनुसंधान और विकास और मानकीकरण को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए ऐसे उपायों के परिणामों की समीक्षा करना चाहिए।

ई- स्थानीय अनुसंधान एवं विकास के माध्यम से विकसित उत्पादों के लिए गो टू मार्केट रणनीति भी अपनाई जानी चाहिए। 

एफ- लीनियर सेट-टॉप बॉक्स को उत्पादन से संबद्ध प्रोत्साहन-पीएलआई योजना के अंतर्गत शामिल किया जाना चाहिए।

जी- चिपसेट सहित प्रसारण उपकरण के लिए आवश्यक स्वदेशी घटकों की उपलब्धता की समय-समय पर समीक्षा की जानी चाहिए। उत्पादन से संबद्ध प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत स्थानीयकरण स्तर निर्धारित करते समय स्थानीय घटकों की उपलब्धता को ध्यान में रखा जाना चाहिए। उत्पादन से संबद्ध प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने के लिए आवश्यक निवेश परिव्यय की समीक्षा सूक्ष्म, लघु और माध्यम उद्यम (एमएसएमई) द्वारा समय-समय पर पहचाने जा सकने वाले कुछ चयनित उपकरणों के लिए विनिर्माण को प्रोत्साहन प्रदान करने के दृष्टिकोण से की जानी चाहिए।

एच- सेमीकॉन इंडिया कार्यक्रम की तर्ज पर टेलीविजन प्रसारण क्षेत्र के अन्य प्रासंगिक घटकों के स्थानीय विनिर्माण को प्रोत्साहन प्रदान करना चाहिए। स्थानीय रूप से प्राप्त घटकों/सेवाओं के प्रतिशत के संदर्भ में टेलीविजन प्रसारण क्षेत्र में विभिन्न उपकरण श्रेणियों के लिए 'स्थानीय विनिर्माण' के दायरे को परिभाषित किया जाना चाहिए।

जे- टेलीविजन प्रसारण क्षेत्र में स्थानीय विनिर्माण पर उनके प्रभाव के संबंध में मुक्त व्यापार समझौता-एफटीए और ऐसे समझौतों की समीक्षा की जानी चाहिए।

सिफारिशों के बारे में पूरी जानकारी भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण की वेबसाइट www.trai.gov.in पर उपलब्ध है।

**** एमजी/एमएस/एआर/एमकेएस/डीके//(रिलीज़ आईडी: 1912672) 

Thursday, March 23, 2023

पत्रकारिता बचाओ दिवस के मौके पर हुआ विशेष आयोजन

Thursday 23rd March 2023 at 07:55 PM

पत्रकारिता को दरपेश चुनौतियों और खतरों की हुई चर्चा 


चण्डीगढ
23 मार्च 2023: (कार्तिका सिंह//मीडिया स्क्रीन डेस्क)::

पत्रकारिता का ग्लैमर भी बढ़ा है लेकिन खतरे अभी भी कम नहीं हुए। पत्रकारिता पर नज़र आने वाले स्पष्ट हमले भी बढ़े हैं और छुपे हुए सूक्ष्म हमले भी तेज़ हुए हैं। इन सभी खतरों को लेकर जागरूक पत्रकारों के संगठन चिंतित हैं। इसका अहसास आज के आयोजनों से हुआ जो देश भर में किए गए थे। 

चंडीगढ़ के सेक्टर 17 में स्थित प्लाज़ा मार्किट में आज मीडिया की चहल पहल रही। मौका था शहीदी दिवस का और आव्हान था पत्रकारिता बचाओ दिवस मनाने का।  बहुत से पत्रकारों ने आज इस आश्य के संकल्प भी लिए। चंडीगढ़ एंड हरियाणा जर्नलिस्ट यूनियन (रजि.) द्वारा इंडियन जर्नलिस्ट यूनियन के आह्वान पर देश के महान शहीदों के बलिदान दिवस पर आज पत्रकारिता बचाओ (सेव जर्नलिज्म) दिवस मनाया। इस मौके पर और चंडीगढ़ के सेक्टर 17 स्थितप्लाज़ा मार्कीट ग्राउंड में ही में पत्रकारों की मांगों को लेकर धरना दिया गया और प्रदर्शन भी  किया गया। इस अवसर पर पंजाब व चंडीगढ़ जर्नलिस्ट यूनियन के सदस्य व पदाधिकारी भी उपस्थित रहे। सीएचजेयू ने पत्रकारिता पर निरंतर बढ़ रहे संकट पर चिंता जताते हुए सरकार से पत्रकारों की मांगों को तुरंत पूरा करने की मांग भी की।

आज की इस बैठक में चंडीगढ़ एंड हरियाणा जर्नलिस्ट यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष राम सिंह बराड़, प्रदेश महासचिव सुरेंद्र गोयल, ललित धीमान, सतीश शर्मा, अख्तर फारूखी, रंजना शुक्ला, प्रवीण कुमार, कमलजीत सिंह, अजीत सिंह व इंडियन जर्नलिस्ट यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव बलविंदर जम्मू, पीसीजेयू के प्रदेशाध्यक्ष बलबीर सिंह जंडू, बिंदु सिंह, जय सिंह छिब्बर,त्रिलोचन सिंह सहित अनेक वरिष्ठ पत्रकार उपस्थित रहे। यूनियन के नेताओं ने शहीदे आजम भगत सिंह, राजगुरू व सुखदेव को श्रद्धांजलि देते हुुए कहा कि शहीदे आजम भगत सिंह खूद एक पत्रकार थे और उनका जीवन हमेशा पत्रकारों को प्रेरणा देता रहेगा। इस बैठक के अवसर पर शहीदे आज़म भगत सिंह को एक पत्रकार के तौर पर भी याद किया गया। गौरतलब है कि उस समय की पत्रकारिता आज भी एक उदाहरण के तौर पर याद की जाती है। 

पत्रकारिता बचाओ दिवस मनाने के मकसद से बुलाई गई इस बैठक को संबोधित करते हुए आईजेयू के राष्ट्रीय महासचिव बलविंदर सिंह जम्मू ने कहा कि पत्रकारों की जायज मांगों की पिछले काफी समय से निरंतर अनदेखी हो रही है। उन्होंने याद दिलाते हुए कहा कि पत्रकारों को कोरोना काल से पहले रेल यात्रा दौरान रियायती दरों पर यात्रा सुविधा मिलती रही है, जिसे कोरोना काल के दौरान अस्थाई तौर पर बंद किया गया था, लेकिन अब हालात सामान्य होने के बावजूद भी उसे अभी बहाल नहीं किया गया। इसे तुरंत बहाल किया जाए। पत्रकारों के हितों की रक्षा के लिए केंद्र व राज्य स्तर पर पत्रकार संरक्षण कानून बनाए जाएं, ताकि पत्रकार अपना कर्तव्य बिना किसी दबाव व भय के पूरा कर सकें। प्रेस परिषद के स्थान पर मीडिया परिषद का गठन किया जाए और उसमें राष्ट्रीय स्तर की तमाम यूनियनों व संगठनों को प्रतिनिधित्व दिया जाए। राष्ट्रीय स्तर की सभी यूनियनों व संगठनों को केंद्रीय मीडिया एक्रीडियेशन कमेटी व राज्य एक्रीडियेशन कमेटियों में प्रतिनिधित्व बहाल किया जाए। इससे मीडिया कर्मियों की मुश्किलें कुछ आसान हो सकेंगी। 

पत्रकारिता को दरपेश चुनौतियों की भी विस्तृत चर्चा हुई और मीडिया नेताओं ने कहा कि पत्रकारों पर देश भर में विभिन्न स्थानों पर झूठे मामले दर्ज करना बंद किया जाए। पत्रकारों को मुख्य धारा के कोरोना योद्वा मानते हुए कोरोना काल में मारे गए सभी पत्रकारों के परिवारों को उचित आर्थिक सहायता दी जाए। 

इसके साथ ही पीआईबी एक्रीडियेशन रूलज में से गैर जरूरी व पक्षपाती नियम व शर्तें हटाई जाएं। उन्होंने कहा कि देशभर में एक ऐसा माहौल कायम किया जाए, जिससे पत्रकार स्वतंत्रता के साथ निष्पक्ष होकर अपना कर्तव्य निभा सके। 

इन मांगों और चुनौतियों की चर्चा करते हुए बलविंदर सिंह जम्मू ने कहा कि आज प्रैस की स्वतंत्रता कसौटी पर लगी हुई है और भारतीय मीडिया दुनिया भर में 150वें स्थान पर पंहुच गया है। सीएचजेयू अध्यक्ष राम सिंह बराड़ ने कहा कि चंडीगढ़ एंड हरियाणा जर्नलिस्ट यूनियन ने काफी समय पहले यूनियन ने प्रदेश सरकार को पत्रकारों की मांगों बारे ज्ञापन सौंपे थे, लेकिन अभी तक उन पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। पत्रकारों की जायज मांगों को तुरंत स्वीकार करके सरकार उन्हें राहत प्रदान करे।