Thursday, October 1, 2020

हाथरस कांड पर सामना ने भी बखिये उधेड़ दिए

 सत्ता के साथ साथ मीडिया पर भी किये कई सवाल 

 किस्सागोई… हाथरस में किसका हाथ?  

 अक्टूबर 1, 2020  संदीप सोनवलकर , मुंबई 

जिस अंदाज में यूपी पुलिस ने मंगलवार देर रात हाथरस की बलात्कार पीड़िता का बिना परिवारवालों को साथ लिए ही अंतिम संस्कार कर दिया, उससे इतना तो साफ हो गया है कि हाथरस के इस घृणित कार्य में केवल अपराधी ही नहीं अब सरकार और पुलिस भी शामिल हो गई है। पुलिस तो अब ये तक कहने लगी है कि उस लड़की के साथ रेप हुआ या नहीं? ये अभी जांच का विषय है। उत्तरप्रदेश पर सच में गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं और उतने ही सवाल ये भी कि अगर ये किसी गैर भाजपा शासित राज्य में हुआ होता तो क्या मीडिया उतना ही चुप रहता?

सवाल तो ये भी उठ रहा है कि अगर सरकार कानून व्यवस्था नहीं संभाल पा रही तो राज्यपाल आनंदी बेन पटेल क्यों चुप हैं? वो तो खुद एक महिला हैं, कम से कम रिपोर्ट तो मांग लेतीं। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी से सीखिए वो तो अभिनेत्रियों तक से मिल लेते हैं। मनपा अफसरों को हड़का देते हैं। असल में मीडिया से लेकर सरकार तक सब इसलिए चुप हैं क्योंकि ये भाजपा शासित योगी सरकार है। अलीगढ़ के आईजी पीयूष मोर्डिया ने तो कह दिया कि अभी बलात्कार की पुष्टि तक नहीं हुई है लेकिन उनके पास इस बात का जवाब तक नहीं है कि पुलिस ने किस हैसियत से सफदरजंग अस्पताल से उस लड़की का शव लिया और बिना परिवारवालों के ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया।

पुलिस का कहना है कि हाथरस गैंगरेप पीड़िता ने उपचार के दौरान विवेचक के सामने कई बार अपने बयान बदले थे। इसका विवेचक की रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है। पीड़िता के अलग-अलग तिथियों में लिए गए बयान में अलग-अलग बातें सामने आई हैं। इतना ही नहीं, मेडिकल रिपोर्ट में रेप की पुष्टि नहीं हो पाई है। उपचार के दौरान युवती के तीन बार बयान लिए गए। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, पहली बार में युवती ने रेप से जुड़ा कोई बयान नहीं दिया था। उसके बाद १९ सितंबर को बयान हुए, जिसमें कहा कि मेरे साथ छेड़छाड़ हुई है। बयान के आधार पर पुलिस ने धारा बदलकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी थी। उसके बाद २२ सितंबर को बयान दर्ज हुए, जिसमें पीड़िता ने कहा था कि उसके साथ रेप हुआ है। नए बयान के आधार पर पुलिस ने आगे की कार्रवाई शुरू कर आरोपियों को गिरफ्तार किया था। मेडिकल रिपोर्ट पर गौर करें तो उसमें युवती के साथ रेप की पुष्टि नहीं हुई है। घटना के अनुसार १४ सितंबर की सुबह गांव चंदपा की युवती अपनी मां के साथ खेत पर गई थी। वह खेत में घास काट रही थी। इसी बीच संदीप नाम का एक युवक वहां आ धमका और छेड़छाड़ करने लगा। युवती ने विरोध किया तो हमला बोल दिया। युवती के चिल्लाने पर युवती की मां आरोपी की तरफ दौड़ पड़ी। इतने में आरोपी मौका पाकर फरार हो गया था। घायल युवती को आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया।

युवती के भाई ने करीब १०.३० बजे थाने पहुंचकर बताया कि उसकी बहन का गला दबाकर मारने का प्रयास किया गया। मामले में एफआईआर दर्ज हुई। युवती की गंभीर हालत को देखते हुए उसको एएमयू के जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। यहां चिकित्सकों ने देखा कि युवती की कमर की एक हड्डी टूटी है। इतना ही नहीं, दोनों पैर भी सही से काम नहीं कर रहे थे। हिंदी सामना से साभार 


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