Tuesday, December 20, 2022

भारत सरकार ने यूट्यूब पर हमला बोला

Posted On: 20 DEC 2022 12:02PM by PIB Delhi

यूट्यूब पर व्यापक पैमाने पर फैली फर्जी खबरों पर बोला हमला 


नई दिल्ली: 20 दिसंबर 2022: (पी.आई.बी.//पंजाब स्क्रीन डेस्क)::

मीडिया के खिलाफ ज़रा सी भी बात हो तो हंगामा खड़ा होने लगता है लेकिन अगर मीडिया के नाम पर ही मनमाने ढंग की बातें फैलने लगें तो क्या होना चाहिए? बहुत ही बेखौफी से चल रहा था इस तरह का सिलसिला। बिना सिर पैर की बातें लगातार फ़ैल रहीं थी। दिलचस्प बात यह भी कि काफी देर से कुछ इसी तरह का यह सब हो रहा था। इसी बीच सरकार हरकत में आई और सामने आया सरकार का एक्शन। पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) की फैक्ट-चेक इकाई ने फर्जी खबरें फैलाने वाले तीन यूट्यूब चैनलों का भंडाफोड़ किया है। आप हैरान हो जाएंगे इन फर्जी खबरों की सुर्खियां पढ़ कर। मीडिया की प्रमाणिकता को बुरी तरह धूमिल करने के ऐसे प्रयास भी किसी गहरी साजिश का ही हिस्सा लगते हैं। 

पत्र सूचना कार्यालय की फैक्ट-चेक इकाई ने सर्वोच्च न्यायालय, भारत के मुख्य न्यायाधीश और भारत के प्रधानमंत्री के बारे में फर्जी वीडियो की कलई खोली और यह भी बताया कि इन वीडियो के लाखों दर्शक थे।  हर रोज़ दर्शकों के सामने मनमाना प्रचार मनमाने अंदाज़ में परोसा जा रहा था। लुभावने शब्दों में ऐसी बातें कि तुरंत यकीन हो जाए लेकिन जब वास्तविकता खंगालो तो सब कुछ आधारहीन। कुल मिला कर व्यापक स्तर का फ्राड समाज और सरकार की नाक के तले चल रहा था। ये लोग खुद को चैनल मालिक कहलाते हुए मनमाने प्रचार कर रहे थे। 

भारत निर्वाचन आयोग, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों पर भी पूरी तरह से झूठी खबरें प्रसारित की गईं। लोगों तक दिन दिहाड़े भ्रामक प्रचारपहुंच  रहा था और वो भी लगातार। यूटयूब की सुविधा और तकनोलोजी का इन लोगों ने जी भर का फायदा उठाया। मनमाने प्रचार किए और मनमानी बातें फैलाईं। लोग भी हैरान रह गए कि आखिर कौन है इनके पीछे। पत्र सूचना कार्यालय की फैक्ट-चेक इकाई ने पता लगाया है कि इन यूट्यूब चैनलों के 33 लाख सब्सक्राइबर हैं और इन्हें 30 करोड़ से अधिक बार देखा गया है

चालीस से अधिक फैक्ट-चेक श्रृंखला के क्रम में पत्र सूचना कार्यालय की फैक्ट-चेक इकाई (एफसीयू) ने यूट्यूब के ऐसे तीन चैनलों का भंडाफोड़ किया है, जो भारत में फर्जी खबरें फैला रहे थे। इन यूट्यूब चैनलों के लगभग 33 लाख सब्सक्राइबर थे। इनके लगभग सभी वीडियो फर्जी निकले; बहरहाल इन्हें 30 करोड़ से अधिक बार देखा गया है। अभी केवल तीन चैनलों का ही भंडाफोड़ हुआ है लेकिन वास्तव में इस तरह के लोगों और चैनलों की संख्या बहुत अधिक होगी। इन के नेटवर्क से भी कितने लोग जुड़े होंगें इसकी संख्या सामने आना भी अभी बाकी है। 

यह पहली बार है जब पत्र सूचना कार्यालय ने सोशल मीडिया पर व्यक्तियों द्वारा झूठी बातें फैलाने को मद्देनजर रखते हुए सभी यूट्यूब चैनलों की कलई खोलकर रख दी है। पत्र सूचना कार्यालय ने तथ्यों की जो पड़ताल की है, उसका विवरण इस प्रकार हैः

 क्र. सं.     यूट्यूब चैनल का नाम       सब्सक्राइबरों की संख्या     कितनी बार देखा गया

 1.           न्यूज हेडलाइन्स                      9.67 लाख                               31,75,32,290

 2.           सरकारी अपडेट                    22.6 लाख                                 8,83,594

3.           आज तक LIVE                      65.6 हजार                             1,25,04,177

यूट्यूब के उपरोक्त चैनल माननीय सर्वोच्च न्यायालय, माननीय मुख्य न्यायाधीश, सरकारी योजनाओं, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों, कृषि ऋणों को माफ करने आदि के बारे में झूठी और सनसनीखेज खबरें फैलाते हैं। इनमें फर्जी खबरें भी शामिल रहती हैं। उदाहरण के लिये इन फर्जी खबरों में सर्वोच्च न्यायालय यह आदेश देने वाला है कि भावी चुनाव मतपत्रों द्वारा होंगे; सरकार बैंक खाताधारियों, आधार कार्ड और पैन कार्ड धारकों को धन दे रही है; ईवीएम पर प्रतिबंध आदि खबरें शामिल हैं।

यूट्यूब के इन चैनलों के बारे में गौर किया गया कि ये फर्जी और सनसनीखेज थंबनेल लगाते हैं, जिनमें टीवी चैनलों के लोगो तथा उनके न्यूज एंकरों की फोटो होती है, ताकि दर्शकों को यह झांसा दिया जा सके कि वहां दिये गये समाचार सही हैं। इन चैनलों के बारे में यह भी पता लगा है कि ये अपने वीडियो में विज्ञापन भी चलाते हैं तथा यूट्यूब पर झूठी खबरों से कमाई कर रहे हैं।

पत्र सूचना कार्यालय की फैक्ट-चेक इकाई की कार्रवाई के क्रम में पिछले एक वर्ष में सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने एक सौ से अधिक यूट्यूब चैनलों को ब्लॉक कर दिया है। अभी जांचपड़ताल और आगे बढ़ी तो और नाम भी सामने आएंगे। देश की एकता, अखंडता साम्प्रदायिक सदभाव के खिलाफ भ्रामक प्रचार करने वाले चैनलों की संख्या अभी अलग से होगी। 

Monday, November 21, 2022

हर किसी को और सभी को आमंत्रण:

Posted On: 21st November 2022 at 6:52 PM by PIB Delhi

#NotJustIFFIMemeContest का शुभारंभ


गोवा
//नई दिल्ली: 21 नवंबर 2022: (पीआईबी//मीडिया स्क्रीन ऑनलाइन)::

जब तक किसी बड़ी इवेंट के साथ आम लोग न जुड़ें तब तक वो इवेंट सही मायनों में बड़ी नहीं बनती। उसका आधार धरातल से जुड़े लोग ही बड़ा बनाते हैं। ग्राउंड ज़ीरो पर खड़े हो कर ही छुआ जा सकता है आसमान। ज़मीन से ही लग सकती है आकाश की तरफ बड़ी से बड़ी छलांग। यह निमंत्रण-यह घोषणा वास्तव में उससमाँ की तरफ एक सामूहिक छलांग भी है। 

यह कहा जाता है कि न तो आंख को देखकर तृप्ति मिलती है, न ही कान सुनकर संतुष्ट होता है। जीहां, हम इफ्फी का उत्सव मना रहे हैं, लेकिन हम जो देख रहे हैं, जो सुन रहे हैं महज उससे ही संतुष्ट नहीं हैं। हमारा कहने का मतलब यह है कि हमें अच्छी, शानदार और सुंदर चीजें सुनने और देखने को मिली हैं, लेकिन हम उतने से ही संतुष्ट नहीं हैं। हमारी आत्मा तृप्त नहीं हुई है। अनंत सिनेमाई प्रेरणा की हमारी ललक पूरी नहीं हुई है।

जीहां, ये दिल मांगे मोर मीम! अधिक रचनात्मक सामग्री। बड़ी संख्या में लोग न सिर्फ इफ्फी में प्रदर्शित की जा रही फिल्मों, बल्कि अन्य फिल्मों की सुंदरता के बारे में भी बातें कर रहे हैं। हममें से अधिकांश लोग इफ्फी के 53वें संस्करण में सम्मानित किए जा रहे फिल्म निर्माताओं के सपनों, संघर्षों और आकांक्षाओं से प्रेरित हो रहे हैं। हममें से कई लोग आश्चर्य, उत्साह, खुशी, अंतर्दृष्टि और इन सबसे बढ़कर इफ्फी से मिलने वाली प्रेरणा को साझा कर रहे हैं। लेकिन बातें सिर्फ इफ्फी तक ही सीमित नहीं है।

तो आइए हमारे साथ। पीआईबी में हम-पीआईबी आईएफएफआई कास्ट एंड क्रू - यहां एक मीम प्रतियोगिता शुरू कर रहे हैं जिसे हमने #NotJustIFFIMemeContest  का नाम दिया है।

यहां प्रस्तुत मात्र नियम भर नहीं हैं:

यहां केवल एक नियम है: अपनी अनंत अव्यक्त रचनात्मक क्षमता का उपयोग करें। हर कोई रचनात्मक है और हो सकता है। एक बेहतरीन मीम या बेहतरीन मीमों की एक श्रृंखला या बेहतरीन मीमों की श्रृंखलाओं की एक श्रृंखला प्रकाशित करें, जो लोगों को हंसने, कूदने, उछलने और एक दूसरे को गले लगाने, अपनी परेशानियों को भूलने और इन सबसे बढ़कर फिल्मों और जीवन से एक बार फिर से प्यार करने को प्रेरित करे।

हम नियम 1 को दोहराते हैं। आपके मीम लोगों को फिल्मों और जीवन से एक बार फिर से प्यार करने को प्रेरित करें।

अपने मीम को सोशल मीडिया पर प्रकाशित करें। सिर्फ हैशटैग #NotJustIFFIMemes का ही इस्तेमाल न करें यानी हैशटैग का इस्तेमाल करें, लेकिन सिर्फ हैशटैग का इस्तेमाल भर न करें बल्कि इस हैशटैग का इस्तेमाल करके अपने बेहतरीन और प्रेरक मीम साझा करें।

जरूरी नहीं कि सभी मीम अच्छे ही हों। प्रयोग करना रचनात्मकता की कुंजी है। हंसने से डरिए मत (हम आप पर नहीं हंसेंगे, बल्कि हम आपके साथ हंसेंगे, भले ही कोई हम पर हंसे!)

इस प्रतियोगिता की कोई अंतिम तिथि नहीं है। हम उन मीम बनाने वाले को पुरस्कार प्रदान करेंगे, जो वैसे मीम के साथ सामने आएं जो हमें न सिर्फ आभार जताने बल्कि सराहने और पुरस्कार प्रदान करने की दृष्टि से पर्याप्त प्रेरक लगें।

विजेताओं की कोई निश्चित संख्या नहीं है। हम अपने सामर्थ्य के अनुरूप उन लोगों को पुरस्कृत करेंगे, जो शानदार मीम के साथ सामने आते हैं और जिनके मीम हमें काफी प्रेरक लगें।

पुरस्कार क्या होंगे? हम वैसे पुरस्कार देंगे जो आपको फिल्मों और जीवन से प्यार करने या फिल्मों और जीवन के प्रति आपके प्यार को और बढ़ाने को प्रेरित करे, ताकि ... आप ऐसे मीम बनाते रहें और फिल्मों व इफ्फी के प्रति अपने प्यार को साझा करते रहें, चाहे आप इस प्रतियोगिता को जीतें या नहीं !

तो, अब और इंतजार मत कीजिए। अब सोचना शुरू कीजिए! हम आपके द्वारा बनाए जाने वाले मीम को देखने के लिए और ज्यादा इंतजार नहीं कर सकते। शुरू कीजिए। अभी। तत्काल!

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/notjust5T63.jpg

***  एमजी/एएम/आर/एसके    (रिलीज़ आईडी: 1877838)

Monday, October 24, 2022

सम्राट सिंह की फिल्म Samaan का सवाल-हम हत्यारे तो नहीं?

दिवाली पर पटाखों के आतंक का कहर दर्शाती फिल्म "सामान"

मोहाली: 24 अक्टूबर 2022: (कार्तिका सिंह//मीडिया स्क्रीन):


अगर कभी आपको भी किसी तेज़ सी आवाज़ ने झटके के साथ नींद से उठाया हो
और खीझ कर उठते हुए आपके मुँह से सरसरा ही निकल गया हो कि हाय !यार!, सोने भी नहीं देते! .......  या फ़िर यूँही गली में टहलते वक़्त, किसी तीख़ी सुगंध ने आपके गले को खाँसने पर मज़बूर किया हो, या किसी मोड़ से गुज़रते हुए, मज़ाक में फेंकी गई एक छोटी सी चीज़ ने दिल को कुछ सेकंड्स के लिए दहला दिया हो, और गुस्सा आने पर भी आपने कह दिया हो कि, दिवाली है, पटाखे तो बनते हैं।  हाय.... कितना बड़ा दिल है न आपका।  तो आज मैं आपसे एक छोटी सी गुजारिश करती हूँ, कि इतना बड़ा दिल रखना छोड़ दीजिये।  इस बार जब दिवाली का सामान लेने जाएं, तो उस फ़ेहरिस्त में, सबसे ऊपर इस 'सामान' को रखें। एक छोटी सी 9 मिनट 17 सेकण्ड्स की एक शार्ट फ़िल्म, धुंए से भरी आपकी आँखों को एक नई रौशनी के साथ-साथ नई दिशा में देखने पर मज़बूर कर सकती है कि कहीं घर पर रौशनी भरी खुशियां मनाते हुए, किसी के घर की चिरागों को हम बुझा तो नहीं रहे? 

Lucky26 Films के बैनर तले बनी ये शार्ट-फ़िल्म आपसे सवाल कर सकती है, कि हर साल दिवाली पर अपनी जान गवां देने वाले लोगों और अनगिनत जानवरों की मौत के जिम्मेदार कहीं हम ख़ुद तो नहीं? खुद को सकते में मत रखियेगा, मन में ज़रा सी भी शंका का उठना, या हाथों का कंपन, शायद आपके जिंदा दिल और इंसान होने का सबूत दे जाये। 

'सामान' में ज़्यादा डायलॉग्स नहीं है, पर सिनेमैटोग्राफी और कंसेप्ट बहुत स्ट्रांग है। आई एम् बी डी रेटिंग्स और ब्लॉकबस्टर हिट्स के दौर में, ऐसी फिल्में बहुत कम होती है, जो मुनाफ़े को नकारते हुए, जिंदगियां बचाने का काम करती हैं। फिल्म का कांसेप्ट और  निर्देशन डायरेक्टर सम्राट सिंह ने बख़ूबी ढंग से किया है।  

इसकी पूरी कहानी यहां नहीं बताऊंगी, उसके लिए आप झट से नीचे दिए हुए लिंक पर क्लिक कीजिए और सिर्फ़ 10 मिनट के लिए इस फ़िल्म की अनकही बातों को अपनी आँखों से पढ़ने दीजिये। और साथ ही अपने मन को सवाल करने दीजिये, कि इस बार आप खुद को रोक सकेंगें, चंद घड़ियों की इस शोर-नुमा बेहूदा ख़ुशी से?

हमें बचपन से आंसू पोछना और छुपाना सिखाया जाता है, आज एक-दूसरे के लिए कुछ बूंदों को बहने दीजिये। शायद यही बची है एक निशानी जो बता सकती है हमारे अंदर कुछ मानवीय संवेदना बची है या नहीं? 

जानती हूँ दिवाली है, सजावट और मिठाई के साथ ही पटाखे भी तो शगुन  होते हैं, अरे हमारे बच्चे नहीं चलाएंगे तो बाजू वाले क्या कहेंगे? इसलिए थोड़े-बहुत तो बनते ही हैं। ये तो हर साल का बहाना है, इस बार चलिए पटाखे न चलाकर, धौंस जमाते हैं, कुछ तो सबसे अलग बनता हैं ना।  अब अपने 250 किलो की फोकी शौहरत और ईगो को साइड पे रखिये और शाम ढलने से पहले फटाफट ये शार्ट-फिल्म 'सामान" देख लीजिए। बस आपसे एक  शायद इस फिल्म को देख कर समाज के लिए इस बार की दिवाली या अगली बार की दिवाली सचमुच ही रौशन हो जाए। इस रौशनी की ज़रूरत अब हमें सबसे ज़यादा है। 


क्लिक की दूरी पर है।
 

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Thursday, September 29, 2022

वित्त मंत्री चीमा का मोहाली प्रेस क्लब से वायदा

Thursday 29th September 2022 at 3:40 PM
जल्द ही ज़मीन भी देंगें साथ ही 5 लाख रुपये देने की भी घोषणा
*प्रेस क्लब को जगह देने के लिए स्थानीय विधायक कुलवंत सिंह ने किया समर्थन
*अध्यक्ष सुखदेव सिंह पटवारी ने मोहाली प्रेस क्लब की उपलब्धियों का किया जिक्र
मोहाली: 29 सितंबर 2022: (गुरजीत बिल्ला//मीडिया स्क्रीन ऑनलाइन):: 
मोहाली प्रेस क्लब लम्बे समय से मोहाली में प्रेस की ज़रूरतें पूरी करने के साथ साथ आम जनता, सरकार और मीडिया के दरम्यान सेतु का काम करता आ रहा है। 
मोहाली प्रेस क्लब को जल्द ही गामाडा अधिकारियों से बातचीत के बाद जमीन आवंटित की जाएगी। यह घोषणा पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने आज यहां सेक्टर 71 के प्राचीन कला केंद्र में मोहाली प्रेस क्लब द्वारा आयोजित नव चयनित टीम के राज्याभिषेक समारोह में बोलते हुए की। इस मौके पर उन्होंने मोहाली प्रेस क्लब को 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की भी घोषणा की।
उन्होंने कहा कि मोहाली जैसे अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त शहर में पिछली सरकारों ने हमेशा प्रेस क्लब के लिए जगह उपलब्ध कराने की मांग की अनदेखा किया है। चीमा ने कहा कि नियमानुसार वह जल्द ही प्रेस क्लब के लिए जगह आवंटित करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने पंजाब सरकार की पिछले 6 महीने की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि नई आबकारी नीति के लागू होने के बाद जीएसटी राजस्व में 24 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि आबकारी नीति के माध्यम से राजस्व में 44 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि हर घर में 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने की सरकार की पहली गारंटी सरकार की बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन लोटस के तहत कांग्रेस को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है और कांग्रेस पार्टी भाजपा के आगे झुकी है। उन्होंने आगे कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला होगा।
इस मौके पर वित्त मंत्री मोहाली ने प्रेस क्लब के अध्यक्ष सुखदेव सिंह पटवारी, महासचिव गुरमीत सिंह शाही, सी. उपाध्यक्ष मंजीत सिंह चाना समेत टीम के सभी नव चयनित सदस्यों सुशील गरचा, राज कुमार अरोड़ा, धर्म सिंह, राजीव तनेजा, मैडम नेहा वर्मा, मैडम नीलम ठाकुर को हार पहना कर सन्मानित किया और प्रेस क्लब की स्मारिका का विमोचन किया। वित्त मंत्री चीमा ने क्लब की तारीफ करते हुए कहा कि पत्रकार समुदाय जिस तरह रात को जागकर लोकतंत्र को मजबूत करने में अपनी भूमिका निभा रहा है वह काबिले तारीफ है।
इस दौरान विधानसभा क्षेत्र के विधायक कुलवंत सिंह ने मोहाली प्रेस क्लब के राज्याभिषेक समारोह को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री से मोहाली प्रेस क्लब के लिए जगह आवंटित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि मोहाली जैसे सुनियोजित शहर में प्रेस क्लब भवन का ना होना पिछली सरकारों का दोष है। उन्होंने कहा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की बड़ी जीत में मीडिया की बड़ी भूमिका है और इसके लिए मैं पूरे पत्रकार समुदाय को धन्यवाद देता हूं। 
इस अवसर पर क्लब के अध्यक्ष सुखदेव सिंह पटवारी ने कहा कि मोहाली प्रेस क्लब वर्ष 1999 में अस्तित्व में आया था और 2006 से इसे किराए के भवन में बहुत अच्छे तरीके से चलाया जा रहा है और हर साल कलब का चुनाव लोकतांत्रिक तरीके से किया जाता है। उन्होंने जोर देकर प्रेस क्लब के लिए जगह आवंटित करने की मांग उठाई और कहा कि मोहाली जैसे बड़े शहर में क्लब के लिए जगह नहीं होना एक बड़ी क्षति है।
इस अवसर पर हरपाल सिंह चीमा और विधायक कुलवंत सिंह ने सामाजिक कार्यकर्ता मैडम जगजीत कौर कहलों, मुख्य चुनाव आयुक्त हरिंदर पाल सिंह हैरी, प्रबंधक जगदीश शारदा और क्लब कुक नरेंद्र राणा को सन्मान चिंह देकर सन्मानित किया।
इस अवसर पर वर्तमान एम.सी जसबीर सिंह मनकू, परमजीत सिंह हैप्पी, प्रमोद मित्रा, अरुणा वशिष्ठ समेत पूर्व एमसी आरपी शर्मा, सुरिंदर रोड़ा, हरसंगत सिंह, राजीव वशिष्ठ, रणदीप सिंह बैदवान, जसपाल सिंह बिल्ला, तरलोचन सिंह, हरपाल सिंह, अरुण गोयल, तरनजीत सिंह के अलावा क्लब के सदस्य कुलवंत गिल, हरबंस सिंह बागरी, गुरजीत बिल्ला, मंगत सिंह सैदपुर, गुरमीत सिंह रंधावा, कृपाल सिंह, कुलवंत कोटली, नाहर सिंह धालीवाल, अमरजीत सिंह, अरुण नाभा, पाल सिंह, विजय कुमार, भूपिंदर बब्बर, गुरदीप बनिपाल, रंजीत धालीवाल, सुखविंदर सिंह मानेली, सुखविंदर शान, राजीव कुमार, संदीप सनी, मास्टर भूपिंदर सिंह चडदीकला, उजाल फोटोग्राफर, गुरनाम सागर, जसविंदर रूपल, सागर पाहवा, विजय पाल, मुकेश, जगतार सिंह शेरगिल आदि सहित कई अन्य सदस्य उपस्थित थे। 
   

Saturday, February 26, 2022

लड़ने वाले लड़ भी रहे हैं-देश की खातिर जल भी रहे हैं

देश पे संकट आन पड़ा तो जान न्योछावर कर भी रहे हैं 


सोशल मीडिया: 26 फरवरी 2022: (मीडिया स्क्रीन ऑनलाइन डेस्क)::

श्याम मीरा सिंह 
ज़ुबां पर सच रखने की ज़िद जारी रखनी हो तो इसका खमियाज़ा भी भुगतना पड़ता है।युग कोई भी हो सत्ता कोई भी हो यह सिलसिला नहीं बदला। जानेमाने पत्रकार श्याम मीरा सिंह ने  बार बार सच बोला और इसका खमियाज़ा  कई कई बार भुगता भी है लेकिन सच का साथ नहीं छोड़ा। सच भी वही जो खुद को सच लगे। अब जबकि रूस ने यूक्रेन पर हमला किया तो जंग का विरोध बुलंद आवाज़ में करने वाले वामपंथी भी बहुत ही संकोच के बाद बहुत ही सोच सोच कर बोले। इस जंग पर श्याम मीरा सिंह ने जो नज़रिया सामने रखा उसे पढ़ कर साहिर लुधियानवी  साहिब याद आने लगते हैं। श्याम को पढ़ते हुए लगता है जैसे कोई जंग के मैदान में खड़ा हो कर कविता लिख रहा हो। वैसे शांति की बात सबसे ज़रूरी जंग के मैदान में ही होती है जहां एक दुसरे पर गोलियां चलाने वाले एक दुसरे को जानते भी नहीं होते लेकिन दुश्मनी की भावना उन्हें जान लेने पर उतारू बना देती है। यही है पूंजीवाद। यही है सियासत। श्याम साहिब लिखते हैं बहुत पते की बात है। 
आप पहले ज़रा ध्यान  से पढ़ लीजिए:

यूक्रेन अपने सबसे बुरे दौर से गुज़र रहा है,
उसके छोटे-छोटे बच्चे भी संकट में हैं, निर्दोष लोगों की आँखों में अपमान की टीस और डर दोनों हैं। इस मुल्क में रहने वाले लोग, प्रवासियों को अपने-अपने जहाज़ पकड़ते हुए भी देख रहे होंगे। जिन्हें कभी चाय पिलाई होगी, जिन्हें बुनकर कपड़े दिए। जिनके बाथरूम साफ़ किए। आज वे अपने-अपने देश के झंडों वाले वाहनों में चल लिए। वे अपराधी नहीं हैं। असली अपराधी तो हमलावर देश है। पर खून से लथपथ यूक्रेन को देख बचपन की एक कविता अनायास ही याद आ गई। बचपन में कंठ पर ज़ोर लगा-लगाकर इस कविता को याद किया, जो आज लौट-लौट कर कानों तक आ रही है। कविता ऐसे ही किसी मुश्किल वक्त की थी-
"आग लगी इस वृक्ष में, जले डाल और पात,
तुम पंछी क़्यू जलो, जब पंख तुम्हारे पास।"
तब जलते हुए वृक्ष की डाली पर बैठे पक्षियों ने कहा-
"फल खाए इस वृक्ष के, गंदे कीने पात,
धर्म हमारा है यही, जलें इसी के साथ।"
—-
ऐसा नहीं है युद्ध ग्रस्त देश में बने रहना बुद्धिमानी है. लेकिन दो दिन से ये आँखें एक कम समझदार, थोड़े से बुद्धु, एक अकड़ूँ से आदमी की तलाश कर रहीं हैं। कोई एक ही आदमी थोड़ा बुद्धु सा निकल आता तो उस पर दिल भर आता। कोई एक आदमी ही कह देता कि मेरे मुल्क को कहना संकट की इस घड़ी में यूक्रेन छोड़ने का जी नहीं आ रहा। जन्म लिया ही देश क्या, जिसका पानी पिया, हवा ली, छत ओढ़ी, वही अपना देश. इस युद्ध में कमजोर आदमी की तरफ़ से गिलहरी का भी काम करने का अवसर मिले तो कर जाऊँ। अगर कोई आदमी ये दो-एक बात कह देता तो आज दिल चौड़ा हो जाता।
एक आदमी भी यूक्रेन रुक जाता तो इस कविता को सदियों बाल कंठों से गाए श्रम पर नाज़ हो आता। जैसे कि उस एक आदमी को देखने के लिए ही ये कविता अब तक जीवित थी। मगर यूक्रेन से अपने-अपने देशों के हवाई जहाज़ पर चढ़ते प्रवासियों को देख इस कविता की उमर कुछ और बढ़ गई, यह बढ़ी हुई उम्र ही इस कविता की मौत है। आदमी कभी अपनी लिखी कविताओं को सही नहीं होने देते। हर बार उम्मीद पर खरे उतरते हैं। इस दुनिया को चलते रहने के लिए कभी कभी एक बुद्धु की तलाश होती है।
Courtesy Photo 

श्याम मीरा सिंह की यह पोस्ट याद दिलाती है
सन 1947 की बंटवारे की जब पंजाब दो हिस्सों में बांट दिया गया था। दोनों तरफ रहने वाले अपने अपने भरे भराए घरों से उजड़ कर निकले तो बहुत से लोगों ने घरों की चाबियां अपने ही पड़ोसियों के हवाले कर दी थी। बहुत से इसी भूमि के साथ प्रेम करते हुए मर भी मिठे थे। लेकिन बंटवारा हो कर रहा। साम्राज्यवादी सियासतदान यही चाहते ठगे। उसकी तीस आज भी महसूस की जा सकती है। वृद्ध लोगों के मुँह से सुनी भी जा सकती है। इस दर्द को उनकी आँखों में देखा भी जा सकता है।
1947 के बाद भी ऐसे हालत बनते रहे अलग अलग हिस्सों में। लोग पलायन पर मजबूर होते रहे। राजनीति अट्हास करती रही। पीड़ित लोग रोते रहे-बिलखते रहे। शायद वही कुछ यूक्रेन में भी हो रहा है। इस बार कारण बना है रूस का हमला। रूस का हमला हुआ अमेरिकी-नाटो उकसाहट के कारण लेकिन इसमें यूक्रेन के नागरिकों का कोई कसूर नहीं था। बहुत से लोग डरे भी होंगें लेकिन बहुत से लोग डटने वालों में भी रहे।
Courtesy Photo 

79 वर्षीय वृद्धा वेलेंटीना कोन्स्टेंटिनोवस्का,
ऐसे ख़ास लोगों में विशेष है। मारियुपोल, डोनेट्स्क क्षेत्र पूर्वी यूक्रेन में आता है। रविवार, 13 फरवरी, 2022 को यूक्रेन के नेशनल गार्ड के विशेष बल यूनिट आज़ोव द्वारा आयोजित नागरिकों के लिए बुनियादी युद्ध प्रशिक्षण के दौरान इस वृद्धा ने भी जोश दिखाया। वह पूरे जोश के हथियार रखती है। इस फोटो को क्लिक किया जानीमानी एजेंसी एपी के फोटोग्राफर वादिम घिरदा ने और यह लगातार वायरल होती है रही है। दुनिया भर में इस की चर्चा हो रही है।
Courtesy Photo 

एक और तस्वीर सोशल मीडिया पर सामने आई है।
यूक्रेन के एक मेयर की।
पूर्व हैवीवेट मुक्केबाजी चैंपियन विटाली क्लिट्स्को ने कहा कि वह अपने भाई और साथी हॉल ऑफ फेमर व्लादिमीर क्लिट्स्को के साथ हथियार उठा रहे हैं ताकि रूस के अपने देश यूक्रेन पर आक्रमण के चलते "खूनी युद्ध" में डट कर लड़ सकें।
लोग 80-80 वर्ष की उम्र में भी सेना में शामिल होने चले आ रहे हैं। वहां की महिलाएं भी नेतागिरी छोड़ कर बंदूक उठा कर सेना के साथ आ खड़ी हुई हैं। उनके जज़्बे को सलाम तो कहना ही पड़ेगा। इसको कहते हैं राष्ट्रवाद। इसको कहते हैं देशभक्ति। इसको कहते हैं मातृभूमि के लिए मर मिटने का जज़्बा।
कुछ और तस्वीरें भी सामने आई हैं जिनकी चर्चा हम अलग अलग पोस्टों में करते रहेंगे।

Saturday, January 1, 2022

महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष धरना 3 जनवरी को

Saturday 1st January 2022 at 11:45 AM

देश हित के लिए कृपया इस धरने में शामिल हो कर इसे सफल बनाएं 

भोपाल: 1  जनवरी 2022: (मीडिया स्क्रीन ऑनलाइन)::

राष्ट्रीय सेक्युलर मंच मौजूदा स्थितियों से बुरी तरह चिंतित है। केवल चिंतित ही नहीं इस स्थिति को बदलने के लिए भी पूरी तरह से सक्रिय है। इस संगठन के संयोजक हैं जानेमाने वयोवृद्ध पत्रकार एल. एस. हरदेनिया जो लोकतान्त्रिक अधिकारों और धर्मनिष्पक्षता को लेकर भी कुछ न कुछ रचनात्मक कार्य करते रहते हैं। अपनी लेखनी के साथ साथ समय समय पर धरने वगैरा जो कुछ भी सम्भव हो वह उसके लिए तैयार रहते हैं। अब उनका नया कार्यक्रम तीन जनवरी को होने वाला है। इसकी सफलता के लिए सभी लोगों को निमंत्रित करते हुए वह कहते हैं की आपको इसमें बढ़ चढ़ कर शामिल होना चाहिए। अपने निमंत्रण में उन्होंने इस आयोजन का कार्यक्रम बताते हुए कहा है:  

साथियों,

विगत कुछ वर्षों से प्रतिगामी ,साम्प्रदायिक ताकतों द्वारा धार्मिक आयोजनों तथा अन्य माध्यमों से महात्मा गांधी जी और अल्प संख्यकों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी कर भ्रामक दुष्प्रचार करने की वारदातें बढ़ती ही जा रही हैं ।यह अनुचित और अनैतिक है ।यह भारत के संवैधानिक मूल्यों और गरिमा के खिलाफ है।यह दुखद और चिंताजनक है कि इस तरह की वारदातों में शामिल लोगों और संगठनों को भाजपा सरकार  का संरक्षण मिल रहा है।

इस संकटपूर्ण स्थिति का प्रतिरोध करने और भारत के संवैधानिक मूल्यों ,धर्म निरपेक्ष मूल्यों ,सहिष्णुता ,सदभाव , भाईचारा कायम रखने की अपील हेतु स्थानीय गांधी भवन , भोपाल में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष धरना आयोजित किया गया है।

राष्ट्रीय सेक्युलर मंच, गांधी भवन तथा अन्य प्रगतिशील, जनवादी, धर्म निरपेक्ष संगठनों के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस धरने की अध्यक्षता गांधी भवन न्यास के सचिव श्री दयाराम नामदेव जी करेंगे।

 देश हित में कृपया इस बेहद जरूरी धरने में शामिल हों ।

 दिनांक: 3 जनवरी 2022

 समय:   11 बजे से 1 बजे तक

 स्थान:   महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष, गांधी भवन ,भोपाल ।

 भवदीय

एल. एस. हरदेनिया (मो. 9425301582) शैलेन्द्र शैली, जावेद अनीस, आशा मिश्रा

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Quote: If India is not secular, then India is not India at all.

– Atal Bihari Vajpayee

Hindi Quote: अगर भारत धर्मनिरपेक्ष नहीं है, तो भारत, भारत ही नहीं है।

– अटल बिहारी वाजपेयी


Quote: Let no one challenge India’s secularism.

– Atal Bihari Vajpayee

Hindi Quote: कोई भी भारत की धर्मनिरपेक्षता को चुनौती न दें।

– अटल बिहारी वाजपेयी

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