Friday, September 24, 2021

नहीं रहे आकाशवाणी के समाचार सुनाने वाले रामनुज प्रसाद सिंह

 दशकों तक जुड़े रहे रेडियो से रामानुज प्रसाद सिंह  

रेडियो की दुनिया//सोशल मीडिया : 23 सितंबर 2021: (मीडिया स्क्रीन ऑनलाइन ब्यूरो)::


ये आकाशवाणी है! अब आप रामानुज प्रसाद सिंह से समाचार सुनिए! दशकों तक रेडियो समाचार के माध्यम से श्रोताओं को मुग्ध करने वाली ये दमदार, गहरी और ठहरी हुई आवाज़ आज थम गई। 

आकाशवाणी में समाचार वाचक कैडर के आखिरी स्तंभ और महाकवि रामधारी सिंह दिनकर के भतीजे रामानुज प्रसाद सिंह ने 86 साल की उम्र में आज यानी 22 सितंबर 21के दिन इस दुनिया को अलविदा कह दिया। 

आकाशवाणी में समाचार वाचक कैडर की आखिरी चौकड़ी देवकी नंदन पांडेय, विनोद कश्यप, अशोक वाजपेयी और रामानुज प्रसाद सिंह की ही रही. इसके बाद ये कैडर समाप्त हो गया और बाद के समाचार वाचक अनुवादक सह समाचार वाचक की श्रेणी में ही आए. यह जानकारी मीडिया और साहित्य की दुनिया से जुडी शख्सियत मनविंदर भिंबर ने कल अर्थात 22 सितंबर 2021 की रात को 11:02 बजे दी। उन्होंने वाया राजेश चड्ढ़ा यह जानकारी दी। 

रेडियो की यादें दिमाग में आते ही याद आ जाती है रामनुज प्रसाद सिंह जी की याद। बहुत ही अच्छा बोलते थे। उन्हें नमन। बहुत ही दमदार आवाज़ थी। भावों से भरी हुई प्रभावशाली आवाज़। समाचार सुनने को उत्सुक करती हु आवाज़। नींद से जगाती हुई आवाज़। हालात के चक्र की की दस्तक देती हुई आवाज़। आज तक ज़हन में सुनाई देती है। उनका जाना--एक युग का चले जाना है। उनका अतीत हो जाना सचमुच पीड़ादायिक है। रामानुज प्रसाद सिंह जी को श्रद्धासुमन अर्पित हैं। दिल भरा हुआ है। ऑंखें भीगी हुई हैं। अंतर्मन में रेडियो से जुडी यादों का बवंडर सा है। उन्हें एक बार फिर से नमन। काश जाने वालों से कभी दोबारा भेंट का कोई सुअवसर मिला करता। काश वहां भी आकाशवाणी होती और हम सुन पाते उनकी आवाज़ में वहां के समाचार। उनके जाने से जो सदमा हम कुछ लोग महसूस कर रहे हैं उस  महसूस करते हुए हमें मिलजुल कर एक प्रयास करना होगा। रेडियो की दुनिया से जुड़े जो लोग अभी भी हमारे दरम्यान हैं। उन्हें संभालना होगा। उनकी आवाज़ें, उनके अनुभव, उनके ख्याल, उनकी रचनाएं, उनकी तस्वीरें बहुत कुछः सहेजने वाला है। आवाज़ की दुनिया से जुड़े उनके गुर भी उनसे पूछने होंगें तांकि रेडियो की दुनिया अमीर बनी रहे। निश्चिन्त रहिए ,रेडियो समाप्त नहीं होगा हैं तकनीकी रूप चाहे बदलता रहे। रेडियो का जादू कुछ कम हुआ अवश्य लगता है लेकिन जल्द ही लौटेगा रेडियो का करिश्मा। लोग टीवी से अब ऊबने लगे हैं। आओ सुनते हैं ज़रा ध्यान दीजिए। आवाज़ आ रही है---ये आकाशवाणी है! अब आप रामानुज प्रसाद सिंह से समाचार सुनिए......!!!                     ---रेक्टर कथूरिया