Saturday, September 29, 2012

73 प्रतिशत डिजिटाइजेशन का लक्ष्‍य पूरा

अंतिम समयसीमा 31 अक्‍टूबर, 2012
      सूचना और प्रसारण मंत्री श्रीमती अंबिका सोनी ने दिल्‍ली की मुख्‍यमंत्री श्रीमती शीला दीक्षित से भेंट कर केबल टीवी डिजिटाइजेशन में हुई प्रगति पर चर्चा की। चेन्‍नई, दिल्‍ली, कोलकाता और मुम्‍बई सहित चार महानगरों में केबल टीवी डिजिटाइजेशन करने की अंतिम समयसीमा 31 अक्‍टूबर, 2012 है। चर्चा के दौरान श्रीमती सोनी ने इस समयसीमा के अंदर डिजिटाइजेशन का काम पूरा किए जाने के महत्‍व पर जोर दिया और इस बारे में दिल्‍ली सरकार की सहयोग का अनुरोध किया। मुख्‍यमंत्री श्रीमती शीला दीक्षित ने इस कार्य में सूचना और प्रसारण मंत्री को दिल्‍ली सरकार के पूर्ण सहयोग के प्रति आश्‍वस्‍त किया। उन्‍होंने मुख्‍य सचिव से इस बारे में सभी एसडीएम को संबंधित पक्षों की बैठक आयोजित करने को कहा ताकि समयसीमा के अंदर ही डिजिटाइजेशन का काम पूरा हो सके।
     दिल्‍ली में 24.74 लाख के लक्ष्‍य के मुकाबले 14.74 लाख सेट टॉप बॉक्‍स पहले ही लगा दिए गए हैं इससे लक्ष्‍य का 60 प्रतिशत का काम पूरा हो गया है। अगर डीटीएच पर भी गौर किया जाए तो डिजिटाइजेशन में प्रगति करीब 70 प्रतिशत तक है क्‍योंकि दिल्‍ली में 8.77 लाख लोग पहले ही डीटीएच सेवा का उपयोग कर रहे हैं। दिल्‍ली में पिछले एक महीने में सेट टॉप बॉक्‍स लगाने के काम में तेजी आई है और अभी शहर में प्रतिदिन 15 हजार सेट टॉप बॉक्‍स लगाए जा रहे हैं।
     हाल ही में मंत्रालय ने इसके लिए एक व्‍यापक जन जागरूकता अभियान चलाया है, जिसमें 200 टेलीविजन चैनलों पर डिजिटाइजेशन समय सीमा संबंधी विज्ञापन प्रदर्शित किया गया। रेडियो के जिंगलों, प्रकाशित विज्ञापनों और एसएमएस अभियान के द्वारा लोगों में डिजिटाइजेशन प्रक्रिया के बारे में जागरूकता बढ़ाई गयी। इन सभी प्रयासों से चार महानगरों में डिजिटाइजेशन प्रतिशत 73 प्रतिशत पहुंच गया है।
डि‍जि‍टलीकरण के लक्ष्‍य को प्राप्‍त करने की दि‍शा में चार राष्‍ट्रीय स्‍तर के बहु-प्रणाली संचालकों जैसे डीईएन, डि‍जि‍केवल, हैथवे, डब्‍ल्‍यू डब्‍ल्‍यू आई एल ने भी डि‍जि‍टल केवल के लि‍ए उपभोक्‍ता पैकेज हेतु दरों की घोषणा कर दी है। ट्राई के अनुसार बेसि‍क सर्वि‍स टीयर (बीएसटी) में 100 रुपए में कम से कम 100 चैनल शामि‍ल होंगे, इनमें से कुछ इसकी  घोषणा कर चुके हैं। भुगतान कि‍ए जाने वाले चैनलों की दरे इस प्रकार होंगी:-

पैकेज का नाम
चैनलों की संख्‍या  
रुपए की दर (करों के अति‍रि‍क्‍त)  
डि‍जि‍केवल
बेसि‍क
145
180
गोल्‍ड
151
200
प्रीमीयम
165
250
हैथवे  केवल और डाटाकॉम लि‍मि‍टेड
बेसि‍क
135
160
गोल्‍ड
198
220
प्रीमीयम
242
275
डेन
पैक 1
112
180
पैक 2
219
225
पैक 3
235
270
डब्‍ल्‍यू डब्‍ल्‍यू आई एल
जनता
118
100
पॉपुलर 1 (कोलकाता)
151
150
पॉपुलर 2 (मुम्‍बई)
153
150
पॉपुलर 3 (दि‍ल्‍ली)
142
150
उपभोक्‍ताओं को एक सूची-लाकार्टे से चैनलों को चुनने का वि‍कल्‍प दि‍ए जाएगा, इससे पूर्व एमएसओ ने एसटीबी के लि‍ए 799 रुपए की संयुक्‍त दरों की घोषणा भी की थी। एमएसओ अपनी संबंधि‍त वेबसाइट पर उपभोक्‍ता चार्टर के साथ उपभोक्‍ता देखभाल सेवा के लि‍ए टोल फ्री नम्‍बर की घोषणा भी कर चुके हैं।(PIB)
28-सितम्बर-2012 20:59 IST
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सामुदायिक रेडियो संघ की मांग मंजूर

सामु‍दायिक रेडियो के लिए स्‍पेक्‍ट्रम शुल्‍क समाप्‍त किया गया
                                                                                                                                                          साभार चित्र 
संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सामुदायिक रेडियो सेवा के लिए स्‍पेक्‍ट्रम शुल्‍क समाप्‍त करने का फैसला किया है। राष्‍ट्रीय सलाहकार परिषद, सूचना और प्रसारण मंत्रालय तथा सामुदायिक रेडियो संघ द्वारा सामुदायिक रेडियो सेवा में स्‍पेक्‍ट्रम शुल्‍क समाप्‍त करने के अनुरोध पर यह कदम उठाया गया है।  

सामुदायिक रेडियो सेवा की सुलभता के लिए उचित माहौल बनाने में सरकार की भूमिका को ध्‍यान में रखते हुए संचार तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री कपिल सिब्‍बल ने दूरसंचार विभाग से 12 अक्‍टूबर तक एक वि‍स्‍तृत दिशा निर्देश तैयार करने को कहा है, जिससे स्‍पेक्‍ट्रम का अधिकतम इस्‍तेमाल हो और चैनलों द्वारा इन वायु तरंगों का प्रयोग केवल आम आदमी को सूचना देने और उनके सशक्‍तीकरण के लिए किया जाना सुनिश्चित हो। यह महसूस किया गया कि‍समावेशी और सूचित समाज के हित के लिए यह आवश्‍यक है कि सरकार सामुदायिक रेडियो सेवा के लिए वायु तरंग स्‍पेक्‍ट्रम निशुल्‍क प्रदान करे। हालांकि इससे सरकार को करीब 25 लाख रुपये प्राप्‍त नहीं हो सकेंगे लेकिन सुविज्ञ, सशक्‍त तथा स्‍थानीय समुदायों को समावेशित करने के लाभ तथा देशहित के सामने यह कुछ भी नहीं है। 

सामुदायिक रेडियो सेवा के लिए सबसे बड़ी चुनौती उसके टिकाऊपन की है। सामुदायिक रेडियो अपने संचालन में कम लागत और कम मुनाफे की प्रणाली पर ध्‍यान केन्द्रित करता है। सामुदायिक रेडियो सेवा में दानकर्ताओं द्वारा दिए गए धन की अहम की भूमिका होती है। ये दानकर्ता स्‍थानीय समुदाय के ही होते हैं, इसलिए दूरदराज के इलाकों में समाज के हाशिए के लोगों के लिए संचालित सामुदायिक रेडियो सेवा में यह वित्‍तीय विकल्‍प अपर्याप्‍त और अनियमित होता है। 

सामुदायिक रेडियो सेवा एक सक्रिय समाज के निर्माण, सूचना तथा नागरिक सशक्‍तीकरण द्वारा समूहों को कार्य हेतु प्रेरित करने के लिए संगठित करने, समाज के हाशिए पर पहुंचे समूहों को वाणी देने, और समुदाय की आवश्‍यकता की तरफ स्‍थानीय और यहां तक कि राष्‍ट्रीय सरकारों का ध्‍यान आकर्षित करने में अहम भूमिका निभाता है। सामुदायिक रेडियो सेवा समाज में बहु‍विविधता के प्रबंधन तथा लोकतंत्र को बढ़ावा देने में उत्‍कृष्‍ट साधन साबित हो सकता है। (PIB)
 28-सितम्बर-2012 17:48 IST

यहाँ भी देखिये:
आम लोगों की आवाज़ रेडियो मत्टोली  

Friday, September 28, 2012

मतदाता शिक्षण पर राष्ट्रीय मीडिया पुरस्कार

जी न्यूज और अमर उजाला को किया जाएगा पुरस्कृत
जी न्यूज को विधानसभा चुनाव (जनवरी-मार्च) 2012 के लिए भारतीय निर्वाचन आयोग का मतदाता शिक्षण पर राष्ट्रीय मीडिया पुरस्कार, अमर उजाला को विशेष पुरस्कार
भारतीय निर्वाचन आयोग ने खासतौर पर उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव (जनवरी-मार्च) 2012 के दौरान मतदाताओं में जागरुकता के उत्कृष्ट अभियान के लिए जी न्यूज का चयन मतदाता शिक्षण पर राष्ट्रीय मीडिया पुरस्कार के लिए किया है। उपर्युक्त चुनावों में मतदाता शिक्षा और जागरुकता में सराहनीय योगदान देने के लिए हिन्दी दैनिक 'अमर उजाला' को विशेष पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। 
भारतीय निर्वाचन आयोग ने 23 जनवरी 2012 को आयोजित मीडिया सम्मेलन के दौरान इस आशय की घोषणा की थी कि मतदाता शिक्षण और जागरुकता के लिए सर्वश्रेष्ठ अभियान चलाने वाले मीडिया समूह को पुरस्कृत किया जाएगा। 
नई दिल्ली में 25 जनवरी 2013 को तीसरे मतदाता दिवस के अवसर पर यह पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।
आयोग ने निर्णय लिया है कि आने वाले सभी चुनावों के लिए इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के लिए अलग-अलग पुरस्कारों की शुरुआत की जाएगी। (PIB)      27-सितम्बर-2012 10:45 IST

Thursday, September 27, 2012

यू-ट्यूब पर आपत्तिजनक वी‍डियो

राष्‍ट्रपति ने की कड़े शब्‍दों में निंदा
राष्‍ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने सोशल मीडिया के जरिये आपत्तिजनक वीडियो बनाने और उसके प्रसार की कड़े शब्‍दों में निन्‍दा की है। उन्‍होंने कहा कि भारत ऐसे किसी भी कार्य की अनदेखी नहीं कर सकता, जो धार्मिक भावनाओं की निन्‍दा करता हो या उन्‍हें चोट पहुंचाता हो। विदेश मंत्रालय अमरीकी अधिकारियों के सम्‍पर्क में है, जिन्‍होंने इस मामले पर हमारी चिंता पर गौर किया है। गूगल इंडिया ने भारतीय कानून का पालन करते हुए आपत्तिजनक सामग्री तक पहुंच पर रोक लगा दी है। {PIB} 27-सितम्बर-2012 15:41 IST

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Wednesday, September 19, 2012

कोरिया गणराज्‍य और फिलिपिन्‍स के पत्रकार

पत्रकारों ने की इस्‍पात मंत्री से भेंट 
कोरिया गणराज्‍य और फिलिपिन्‍स के वरिष्‍ठ पत्रकारों के एक दल ने आज यहां केन्‍द्रीय इस्‍पात मंत्री श्री बेनी प्रसाद वर्मा से भेंट की। मुलाकात के दौरान मंत्रालय के वरिष्‍ठ अधिकारी, सेल के अध्‍यक्ष और विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। 

इस्‍पात मंत्री ने 
मीडिया के प्रतिनिधियों को भारतीय इस्‍पात उद्योग के बारे में जानकारी दी और उन्‍हें भारत के इस्‍पात उत्‍पादन, उपभोग और क्षमता विस्‍तार से अवगत कराया। उन्‍होंने कहा कि भारत ने वर्ष 2011-12 के दौरान इस्‍पात के उत्‍पादन में 7 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की और वह दुनिया के चौथे सबसे बड़े इस्‍पात निर्माता के रूप में उभरा है। वर्तमान ग्रीनफील्‍ड और ब्राउनफील्‍ड विस्‍तारों के साथ भारत के अगले कुछ वर्षों में दूसरा सबसे बड़ा उत्‍पादक बनने की संभावना है। 

पत्रकारों को ओडि़शा में पास्‍को परियोजना की स्थिति की जानकारी दी गई और राज्‍य के स्‍थानीय लोगों की अनु‍मति से परियोजना को आगे बढ़ाने की जरूरत बताई गई। (पत्र सूचना कार्यालय)
18-सितम्बर-2012 19:35 IST

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