सामुदायिक रेडियो के लिए स्पेक्ट्रम शुल्क समाप्त किया गया
संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सामुदायिक रेडियो सेवा के लिए स्पेक्ट्रम शुल्क समाप्त करने का फैसला किया है। राष्ट्रीय सलाहकार परिषद, सूचना और प्रसारण मंत्रालय तथा सामुदायिक रेडियो संघ द्वारा सामुदायिक रेडियो सेवा में स्पेक्ट्रम शुल्क समाप्त करने के अनुरोध पर यह कदम उठाया गया है।
सामुदायिक रेडियो सेवा की सुलभता के लिए उचित माहौल बनाने में सरकार की भूमिका को ध्यान में रखते हुए संचार तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री कपिल सिब्बल ने दूरसंचार विभाग से 12 अक्टूबर तक एक विस्तृत दिशा निर्देश तैयार करने को कहा है, जिससे स्पेक्ट्रम का अधिकतम इस्तेमाल हो और चैनलों द्वारा इन वायु तरंगों का प्रयोग केवल आम आदमी को सूचना देने और उनके सशक्तीकरण के लिए किया जाना सुनिश्चित हो। यह महसूस किया गया किसमावेशी और सूचित समाज के हित के लिए यह आवश्यक है कि सरकार सामुदायिक रेडियो सेवा के लिए वायु तरंग स्पेक्ट्रम निशुल्क प्रदान करे। हालांकि इससे सरकार को करीब 25 लाख रुपये प्राप्त नहीं हो सकेंगे लेकिन सुविज्ञ, सशक्त तथा स्थानीय समुदायों को समावेशित करने के लाभ तथा देशहित के सामने यह कुछ भी नहीं है।
सामुदायिक रेडियो सेवा के लिए सबसे बड़ी चुनौती उसके टिकाऊपन की है। सामुदायिक रेडियो अपने संचालन में कम लागत और कम मुनाफे की प्रणाली पर ध्यान केन्द्रित करता है। सामुदायिक रेडियो सेवा में दानकर्ताओं द्वारा दिए गए धन की अहम की भूमिका होती है। ये दानकर्ता स्थानीय समुदाय के ही होते हैं, इसलिए दूरदराज के इलाकों में समाज के हाशिए के लोगों के लिए संचालित सामुदायिक रेडियो सेवा में यह वित्तीय विकल्प अपर्याप्त और अनियमित होता है।
सामुदायिक रेडियो सेवा एक सक्रिय समाज के निर्माण, सूचना तथा नागरिक सशक्तीकरण द्वारा समूहों को कार्य हेतु प्रेरित करने के लिए संगठित करने, समाज के हाशिए पर पहुंचे समूहों को वाणी देने, और समुदाय की आवश्यकता की तरफ स्थानीय और यहां तक कि राष्ट्रीय सरकारों का ध्यान आकर्षित करने में अहम भूमिका निभाता है। सामुदायिक रेडियो सेवा समाज में बहुविविधता के प्रबंधन तथा लोकतंत्र को बढ़ावा देने में उत्कृष्ट साधन साबित हो सकता है। (PIB) 28-सितम्बर-2012 17:48 IST
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आम लोगों की आवाज़ रेडियो मत्टोली
साभार चित्र |
सामुदायिक रेडियो सेवा की सुलभता के लिए उचित माहौल बनाने में सरकार की भूमिका को ध्यान में रखते हुए संचार तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री कपिल सिब्बल ने दूरसंचार विभाग से 12 अक्टूबर तक एक विस्तृत दिशा निर्देश तैयार करने को कहा है, जिससे स्पेक्ट्रम का अधिकतम इस्तेमाल हो और चैनलों द्वारा इन वायु तरंगों का प्रयोग केवल आम आदमी को सूचना देने और उनके सशक्तीकरण के लिए किया जाना सुनिश्चित हो। यह महसूस किया गया किसमावेशी और सूचित समाज के हित के लिए यह आवश्यक है कि सरकार सामुदायिक रेडियो सेवा के लिए वायु तरंग स्पेक्ट्रम निशुल्क प्रदान करे। हालांकि इससे सरकार को करीब 25 लाख रुपये प्राप्त नहीं हो सकेंगे लेकिन सुविज्ञ, सशक्त तथा स्थानीय समुदायों को समावेशित करने के लाभ तथा देशहित के सामने यह कुछ भी नहीं है।
सामुदायिक रेडियो सेवा के लिए सबसे बड़ी चुनौती उसके टिकाऊपन की है। सामुदायिक रेडियो अपने संचालन में कम लागत और कम मुनाफे की प्रणाली पर ध्यान केन्द्रित करता है। सामुदायिक रेडियो सेवा में दानकर्ताओं द्वारा दिए गए धन की अहम की भूमिका होती है। ये दानकर्ता स्थानीय समुदाय के ही होते हैं, इसलिए दूरदराज के इलाकों में समाज के हाशिए के लोगों के लिए संचालित सामुदायिक रेडियो सेवा में यह वित्तीय विकल्प अपर्याप्त और अनियमित होता है।
सामुदायिक रेडियो सेवा एक सक्रिय समाज के निर्माण, सूचना तथा नागरिक सशक्तीकरण द्वारा समूहों को कार्य हेतु प्रेरित करने के लिए संगठित करने, समाज के हाशिए पर पहुंचे समूहों को वाणी देने, और समुदाय की आवश्यकता की तरफ स्थानीय और यहां तक कि राष्ट्रीय सरकारों का ध्यान आकर्षित करने में अहम भूमिका निभाता है। सामुदायिक रेडियो सेवा समाज में बहुविविधता के प्रबंधन तथा लोकतंत्र को बढ़ावा देने में उत्कृष्ट साधन साबित हो सकता है। (PIB) 28-सितम्बर-2012 17:48 IST
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