नए सिरे से 'मीडिया' व 'पत्रकार' की परिभाषा तय हो
नई दिल्ली//सोशल मीडिया: 26 जून 2020: (कार्तिका सिंह//मीडिया स्क्रीन ऑनलाइन)::
महासचिव नरेंद्र भंडारी |
देश के ज्यादातर मीडियाकर्मियों का मानना है कि केंद्र सरकार को जल्द से जल्द मीडिया आयोग का गठन करना चाहिये। माड़ियाकर्मियों का ये भी मानना है कि देश के सभी मीडिया संगठनों को पत्रकारो की मांगों को मनवाने के लिये एक्जुट होना चाहिये। देश के पत्रकारो के शीर्ष संगठन वर्किंग जर्नलिस्ट्स ऑफ इंडिया, सम्बद्ध भारतीय मजदूर संघ की तरफ से देश के मीडियाकर्मियों के बीच मीडिया रिफॉर्म्स को लेकर एक सर्वे अभियान चलाया गया है। इस सर्वे अभियान में अलग अलग राज्यो के पत्रकारो ने अपनी राय जतायी है। वालों
यूनियन के राष्ट्रीय अध्य्क्ष श्री अनूप चौधरी के अनुसार मीडिया रिफॉर्म्स सर्वे में ज्यादातर पत्रकारो का मानना है कि देश मे व्यापक स्तर पर मीडिया सुधारो की आवश्यकता है। ज्यादातर पत्रकारो का मानना है कि केंद्र सरकार को मीडिया आयोग बनाने की आवश्यकता है। श्री चौधरी के अनुसार देश मे पहले 2 प्रेस कमीशन बने थे। पर जिस तरह से मीडिया का विस्तार हुआ है, उसे देखते हुए अब मीडिया आयोग बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि मीडिया आयोग को नए सिरे से "मीडिया" व " पत्रकार" की परिभाषा तय करनी होगी।
यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव नरेंद्र भंडारी के अनुसार मीडिया रिफॉर्म्स सर्वे फॉर्म में ज्यादातर पत्रकारो की राय है कि सरकार को ऑनलाइन मीडिया को मान्यता देनी चाहिये। श्री भंडारी के मुताबिक लॉकडाउन के बाद ये सामने आया है कि मीडिया जगत में ऑनलाइन मीडिया एक बड़ी ताकत बनकर उभरकर सामने आया है। देश मे बड़े माड़िया घरानों का भी झुकाव ऑनलाइन मीडिया की तरफ हुआ है। श्री भंडारी के अनुसार ऑनलाइन मीडिया के पत्रकारो को भी वे सभी सुविधाएं दी जानी चाहिये जो प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकारो को दी जाती है।
इस अभियान के संयोजक व यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री संजय उपाध्याय के अनुसार सर्वे में ज्यादातर पत्रकारो का मानना है कि पत्रकारो की मांगों को लेकर सभी मीडिया संस्थ्यओ को एकजुट होना चाहिये। श्री उपाध्याय के मुताबिक इस सर्वे में मीडियाकर्मियों की तरफ से जतायी गयी राय के अनुसार वर्किंग जर्नलिस्ट्स ऑफ इंडिया अपने आगे के आंदोलन की रणनीति तय करेगी।
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