Friday, January 6, 2023

28 क्षेत्रीय दूरदर्शन चैनल एचडी कार्यक्रम निर्माण में सक्षम होंगे

Posted On: 06 January 2023 at 3:52 PM by PIB Delhi

तेज़ी से फैलेगा आकाशवाणी और दूरदर्शन का दायरा 

बीआईएनडी योजना के तहत एफएम कवरेज का विस्तार 80 प्रतिशत से अधिक आबादी तक

नई दिल्ली: 06 जनवरी 2023: (पीआईबी//मीडिया स्क्रीन ऑनलाइन)::

भारत सरकार ने सरकारी मीडिया से जुड़े सबसे पुराने संस्थानों आकाशवाणी और दूरदर्शन के विस्तार कार्य की घोषणाएं की हैं। इससे इनका दायरा बहुत ज़्यादा बढ़ जाएगा। ऐसा होने से कवरेज का विस्तार जम्मू-कश्मीर की सीमाओं के साथ 76 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा और भारत-नेपाल सीमा के साथ इसका दायरा 63 प्रतिशत तक विकसित हो जाएगा। 

इस विस्तार को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए प्रसार भारती सुदूर, जनजातीय, एलडब्ल्यूई और सीमावर्ती क्षेत्रों में 8 लाख से अधिक डीडी डीटीएच रिसीवर सेटों का निःशुल्क वितरण भी करेगा। 

कैबिनेट ने 4 जनवरी, 2023 को ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन के आधुनिकीकरण, उन्नयन और विस्तार के लिए 2539.61 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ "प्रसारण अवसंरचना नेटवर्क विकास (बीआईएनडी)" योजना को मंजूरी दी। यह योजना 2025-26 तक, अर्थात पांच साल की अवधि के लिए है। इस योजना में आकाशवाणी और दूरदर्शन की प्राथमिक परियोजनाएं शामिल हैं, जिनमें एफएम रेडियो नेटवर्क और मोबाइल टीवी कार्यक्रम निर्माण सुविधाओं के विस्तार और मजबूती पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जिनके लिए 950 करोड़ रुपये निर्धारित किये गए हैं। इन परियोजनाओं को फास्ट-ट्रैक मोड पर पूरा किया जाएगा।

इस योजना का उद्देश्य एलडब्ल्यूई, सीमावर्ती और रणनीतिक क्षेत्रों में बेहतर अवसंरचना तैयार करना और सार्वजनिक प्रसारक की पहुंच को बढ़ाना है। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दर्शक -  दोनों के लिए उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री का विकास तथा अधिक चैनलों को समायोजित करने के लिए डीटीएच प्लेटफॉर्म की क्षमता के उन्नयन के जरिये विविध सामग्री की उपलब्धता, दर्शकों के लिए उपलब्ध विकल्पों का विस्तार करेगी। योजना का उद्देश्य मुख्य रूप से एलडब्ल्यूई और आकांक्षी जिलों पर ध्यान केंद्रित करते हुए टियर II और टियर-III शहरों में एफएम नेटवर्क का विस्तार करना है।

प्रसार भारती के दो प्रमुख स्तंभों में, आकाशवाणी, देश में 501 आकाशवाणी प्रसारण केंद्रों के माध्यम से 653 आकाशवाणी ट्रांसमीटरों (122 मीडियम वेव, 7 शोर्ट वेव और 524 एफएम ट्रांसमीटर) के साथ विश्व सेवा, पड़ोस सेवाएं, 43 विविध भारती चैनल, 25 रेनबो चैनल और 4 एफएम गोल्ड चैनल की सुविधा देते हुए अपने श्रोताओं को सेवाएं प्रदान करता है।      

दूरदर्शन अपने दर्शकों को 66 दूरदर्शन केंद्रों के माध्यम से 36 डीडी चैनलों का प्रसारण करता है, जो विभिन्न वितरण प्लेटफार्मों, जैसे केबल, डीटीएच, आईपीटीवी "न्यूजऑनएयर" मोबाइल ऐप, विभिन्न यूट्यूब चैनलों और 190+ देशों में वैश्विक उपस्थिति वाले अपने अंतरराष्ट्रीय चैनल डीडी इंडिया के माध्यम से कार्यक्रम प्रसारित करते हैं।

बीआईएनडी योजना के तहत निम्नलिखित प्रमुख गतिविधियों की योजना बनाई गई है

आकाशवाणी

भौगोलिक क्षेत्र और आबादी के हिसाब से देश में एफएम कवरेज को क्रमशः 58.83 प्रतिशत और 68 प्रतिशत से बढ़ाकर 66.29 प्रतिशत और 80.23 प्रतिशत करना।

भारत-नेपाल सीमा पर आकाशवाणी के एफएम के कवरेज को मौजूदा 48.27 प्रतिशत से बढ़ाकर 63.02 प्रतिशत करना।

जम्मू एवं कश्मीर सीमा पर आकाशवाणी के एफएम के कवरेज को 62 प्रतिशत से बढ़ाकर 76 प्रतिशत करना।

30,000 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को कवर करने के लिए रामेश्वरम में 300 मीटर उंचे टावर पर 20 किलोवाट क्षमता का एक एफएम ट्रांसमीटर स्थापित किया जाएगा।

दूरदर्शन

प्रसार भारती के केन्द्रों में नवीनतम प्रसारण एवं स्टूडियो उपकरण स्थापित करके दूरदर्शन और आकाशवाणी के चैनलों को नया स्वरूप देना।

डीडीके विजयवाड़ा और लेह स्थित अर्थ स्टेशनों का 24 घंटे प्रसारण वाले चैनलों के रूप में उन्नयन।

प्रतिष्ठित राष्ट्रीय समारोह/कार्यक्रमों और वीवीआईपी कवरेज को कवर करने के लिए फ्लाई अवे यूनिटों की शुरुआत।

28 क्षेत्रीय दूरदर्शन चैनलों को हाई-डेफिनिशन प्रोग्राम प्रोडक्शन में सक्षम केंद्रों के रूप में विकसित किया जाएगा।

पूरे दूरदर्शन नेटवर्क में 31 क्षेत्रीय समाचार इकाइयों को कारगर तरीके से समाचार एकत्र करने के लिए नवीनतम उपकरणों के साथ उन्नत एवं आधुनिक बनाया जाएगा।

एचडीटीवी चैनलों को अपलिंक करने हेतु डीडीके गुवाहाटी, शिलांग, आइजोल, ईटानगर, अगरतला, कोहिमा, इंफाल, गंगटोक और पोर्ट ब्लेयर के अर्थ स्टेशनों का उन्नयन और प्रतिस्थापन।

इस योजना की कुछ प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं: 

देश के छह लाख वर्गमीटर से अधिक इलाके, मुख्य रूप से श्रेणी- II और श्रेणी - III शहरों, एलडब्ल्यूई और सीमावर्ती इलाकों तथा आकांक्षी जिलों में एफएम कवरेज को बढ़ाने के लिए 100 वाट  क्षमता वाले 100 ट्रांसमीटरों के अलावा 10 किलोवाट एवं उच्च क्षमता के 41 एफएम ट्रांसमीटर।

फ्री डिश की डीडी क्षमता को मौजूदा 116 चैनलों से बढ़ाकर लगभग 250 चैनलों तक पहुंचाना ताकि चैनलों का एक समृद्ध एवं विविध गुलदस्ता निशुल्क उपलब्ध कराया जा सके।

यहां यह बताना प्रासंगिक है कि डीडी फ्री डिश प्रसार भारती का फ्री-टू-एयर डायरेक्ट टू होम (डीटीएच) प्लेटफॉर्म है, जिसके अनुमानित 4.30 करोड़ कनेक्शन हैं (फिक्की और ई एंड वाई रिपोर्ट 2022 के अनुसार) जो इसे भारत का सबसे बड़ा डीटीएच प्लेटफॉर्म बनाते हैं। डीडी फ्री डिश के दर्शकों को इस प्लेटफॉर्म के चैनल देखने के लिए किसी मासिक या वार्षिक शुल्क का भुगतान करने की जरूरत नहीं है। इस प्लेटफॉर्म के पास 167 टीवी चैनलों का समृद्ध गुलदस्ता है जिसमें 49 दूरदर्शन और संसद चैनल, प्रमुख प्रसारकों के 77 निजी टीवी चैनल (11 जीईसी, 14 मूवी, 21 समाचार, 7 संगीत, 9 क्षेत्रीय, 7 भोजपुरी, 1 खेल, 5 भक्ति चैनल, 3 विदेशी चैनल), 51 शैक्षिक चैनल और 48 रेडियो चैनल शामिल हैं।

आपदा या प्राकृतिक आपदा की स्थिति में निर्बाध डीटीएच सेवा सुनिश्चित करने के लिए डीडी फ्री डिश डिजास्टर रिकवरी सुविधा की स्थापना।

सहज और कुशल निर्माण एवं प्रसारण के लिए फील्ड स्टेशनों की प्रसारण सुविधाओं का स्वचालन और आधुनिकीकरण। इसमें स्वचालित प्लेआउट सुविधाएं, न्यूज प्रोडक्शन प्रणाली के लिए समाचार कक्ष में कंप्यूटर प्रणाली, रियल टाईम प्रोडक्शन में संपादन और प्रसारण को पूरा करने के लिए फ़ाइल आधारित कार्य प्रवाह, नवीनतम स्टूडियो कैमरे, लेंस, स्विचर्स, राउटर्स आदि तथा पूरे देश भर में दूरदर्शन के फील्ड स्टेशनों के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के प्रावधान शामिल हैं। यह क्षमता निर्माण उपाय दूरदर्शन को समय के अनुरूप प्रौद्योगिकी और आधुनिक टीवी स्टूडियो प्रोडक्शन की तकनीक से ताममेल करने में सक्षम बनाएगा।

मनोरंजन, स्वास्थ्य, शिक्षा, युवा, खेल और अन्य सार्वजनिक सेवा सामग्री पर ध्यान देने के साथ क्षेत्रीय भाषाओं सहित समृद्ध सामग्री उपलब्ध करना।

त्वरित प्रतिक्रिया क्षमताओं के साथ समाचार एकत्र करने की सुविधाओं को मजबूत बनाना और स्थानीय समाचार कवरेज की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए अर्ध-ग्रामीण क्षेत्रों में इसका विस्तार करना।

दृष्टिगत रूप से आकर्षक कार्यक्रमों के कंटेंट निर्माण के लिए ऑगमेंटेड रियलिटी और वर्चुअल रियलिटी जैसी नई तकनीकों का समावेश।

उपग्रह ट्रांसपोंडरों के कुशल उपयोग के लिए स्पेक्ट्रम कुशल प्रौद्योगिकी के साथ मौजूदा अप-लिंक स्टेशनों को अपग्रेड करना।

ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन नेटवर्क में डेटा प्रवाह के प्रभावी प्रबंधन के साथ गवर्नेंस में दक्षता और पारदर्शिता लाना।

घरेलू और वैश्विक दर्शकों दोनों के लिए डिजिटल पहुंच में महत्वपूर्ण बढ़ोत्तरी करना।

दूरस्थ, जनजातीय, एलडब्ल्यूई और सीमावर्ती क्षेत्रों में 8 लाख से अधिक डीडी डीटीएच रिसीवर सेटों के मुफ्त वितरण की योजना बनाई गई है ताकि इन क्षेत्रों में दर्शकों को टेलीविजन और रेडियो सेवाओं का उपयोग करने में सक्षम बनाया जा सके।

यह योजना प्रसारण उपकरणों की आपूर्ति और स्थापना से संबंधित विनिर्माण और सेवाओं के माध्यम से अप्रत्यक्ष रोजगारों का सृजन भी करेगी। विभिन्न मीडिया क्षेत्रों के सामग्री उत्पादन क्षेत्र में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार भी उपलब्ध होंगे।

*** एमजी/एएम/जेके/आर/आईपीएस/ओपी (रिलीज़ आईडी: 1889219)

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