Tuesday, April 16, 2013

ताज़ा हवा के झोंके की तरह--मुस्लिम टुडे

कुछ ऐसा करें जिससे मीरा के आंसू मीर के आँखों से निकलें
लगातार बढ़ रहीं साम्प्रदायिक भावनायों की घुटन में एक हिंदी मासिक पत्रिका मुस्लिम टुडे ताज़ा हवा के झोंके की तरह आई है।सदभावना का संदेश लेकर आई इस पत्रिका (वर्ष-3 अंक 9) का कहना है कि  हिन्दू व मुसलमान हमारे देश की दो आँखें हैं। दोनों समुदाय सदियों से एक साथ रहते चले आ रहे हैं लेकिन इतनी सदियों के बाद भी दोनों के बीच एक दुसरे के बारे में बहुत सी भ्रांतियां फैली हुई हैं। वर्तमान समय में तो यह दूरिय और भी बढ़ गईं है। अब समय आ गया है कि मुस्लिम समुदाय इस क्षेत्र में विशेष कार्य करे। मुस्लिम टुडे का यही प्रयास है कि वह दोनों समुदायों को क़रीब लाने का भरकस प्रयास करे जिससे देश की एकता और अखंडता पर कोई सवालिया निशान न लगे। गंगा जमुनी सभ्यता को बढ़ावा देकर ऐसा वातावरण पैदा करे जिससे मीरा के आंसू मीर के आँखों से निकलें। मुस्लिम टुडे ऐसे प्रयासों के लिए वचनबद्ध है।पत्रिका में नर्म हिंदुत्व---गर्म हिंदुत्व जैसे कई महत्वपूर्ण आलेख भी हैं और राजनीति के साथ साथ अपराध पर भी चर्चा है और बहुत से दुसरे मुद्दों के साथ ही गजल का रंग भी मिलता है। कुल 62 पृष्ठों की पत्रिका का मूल्य है केवल 15 रुपये। बहुत ही खूबसूरती से प्रकाशित इस पत्रिका सफलता की उंचाईयों पर पहुंचे इसी कामना के साथ।--रेक्टर कथूरिया

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