Tuesday, March 19, 2013

मीडिया का मालिकाना हक

19-मार्च-2013 19:10 IST
                      प्रतिस्‍पर्धा पर गंभीर प्रभाव पड़ सकते हैं 
सूचना और प्रसारण राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) श्री मनीष ति‍वारी ने राज्‍य सभा में पूछे गए एक प्रश्‍न के लि‍खि‍त उत्‍तर में जानकारी देते हुए बताया कि‍मंत्रालय ने प्रसारण क्षेत्र में मीडिया स्‍वामित्‍व के मुद्दों पर 16 मई, 2012 को भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) को एक पत्र लिखा है। ट्राई से मीडिया स्‍वामित्‍व के समस्‍त मुद्दों की जांच करने तथा प्रसारण क्षेत्र में विभिन्‍न खंडों के भीतर ऊर्ध्‍वाधर और क्षैतिज एकीकरण पर सिफारिशें मुहैया कराने हेतु अनुरोध किया गया है। 
उक्‍त पत्र में मंत्रालय ने ट्राई से निम्‍नलिखित मुद्दों की पुन: जांच करने और उपयुक्‍त सिफारिशें करने का अनुरोध किया था:- 
• उभर रहे मौजूदा परिदृश्‍य में टेलीविजन चैनलों पर स्‍वामित्‍व रखने वाली अधिकाधिक प्रसारण कंपनियां विभिन्‍न वितरण प्‍लेटफार्मों नामत: केबल टीवी वितरण, डीटीएच और आईपीटीवी आदि के क्षेत्र में प्रवेश कर रही हैं। इसी प्रकार से वितरण प्‍लेटफार्मों पर स्‍वामित्‍व रखने वाली कई कंपनियां टेलीविजन प्रसारण के रूप में भी प्रवेश कर रही हैं। इस प्रकार के ऊर्ध्‍वाधर एकीकरण से प्रतिस्‍पर्धा पर गंभीर प्रभाव पड़ सकते हैं और 
• एकाधिकारिक प्रवृत्‍तियों को प्रोत्‍साहन मिल सकता है इसलिए ऐसे ऊर्ध्‍वाधर एकीकरण के मुद्दे का निदान किए जाने की आवश्‍यकता है। ट्राई प्रसारण क्षेत्र के समुचित विकास का सुनिश्‍चयन करने के उद्देश्‍य से ऊर्ध्‍वाधर एकीकरण के मुद्दे का निदान करने हेतु किए जाने वाले उपायों का सुझाव दे सकता है। 
• एक अन्‍य परिदृश्‍य में कंपनियों का प्रिंट, टीवी और रेडियो पर नियंत्रण/स्‍वामित्‍व है जिसके फलस्‍वरूप क्षैतिज एकीकरण संभव होता है। इस समय किसी भी कंपनी द्वारा रेडियो, टेलीविजन और प्रिंट माध्‍यमों पर स्‍वामित्‍व रखने हेतु कोई प्रतिबंध नहीं है। ऐसी स्‍थिति से समाचारों एवं विचारों की बहुलता पर रोक लग सकती है और इसके अनेक संभावित परिणाम हो सकते हैं जिनमें उचित कीमतों पर स्‍तरीय सेवाओं का सुनिश्‍चि‍त कि‍या जाना शामिल है। ट्राई इस मुद्दे की भी जांच कर सकता है और इस संबंध में उपयुक्‍त उपायों के बारे में सुझाव दे सकता है। 
*****
वि. कासोटिया/संजीव/राजीव-1462

No comments:

Post a Comment